यह ख़बर 05 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

गडकरी ने की विवेकानंद और दाऊद की तुलना, बाद में बयान से पलटे

खास बातें

  • भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। इस बार उनका बयान स्वामी विवेकानंद के संदर्भ में आया है। गडकरी ने विवेकानंद के आईक्यू (इंटेलिजेंस क्वोशंस) यानी बौद्धिक स्तर की तुलना माफिया डॉन दाऊद इब्रा
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। इस बार उनका बयान स्वामी विवेकानंद के संदर्भ में आया है। गडकरी ने विवेकानंद के आईक्यू (इंटेलिजेंस क्वोशंस) यानी बौद्धिक स्तर की तुलना माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के आईक्यू से कर दी। हालांकि गडकरी ने इस पर बवाल मचने के बाद कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भों में पेश किया गया।

भोपाल में रविवार शाम एक पुरस्कार समारोह में अपने वक्तव्य में गडकरी ने कहा था, "मनोविज्ञान में हम लोगों का आईक्यू स्तर मापते हैं.. लेकिन यह व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपनी बुद्धि का इस्तेमाल किस क्षेत्र में करता है।"

गडकरी ने रवींद्र भवन में विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं के सम्मान के लिए आयोजित ओजस्विनी अलंकरण समारोह में कहा, "यदि हम स्वामी विवेकानंद के आईक्यू स्तर की तुलना दाऊद इब्राहिम के आईक्यू स्तर से करें तो दोनों का आईक्यू स्तर समान दिखता है। लेकिन दोनों की जीवन दिशा बिल्कुल विपरीत है। विवेकानंद ने इसका उपयोग जहां राष्ट्र निर्माण, भाईचारगी और अध्यात्म के लिए किया, वहीं दाऊद ने इसका उपयोग विनाशकारी उद्देश्यों के लिए।"

इस बयान पर राजनीतिक हलके में तीखी प्रतिक्रिया हुई। कांग्रेस ने इस बयान के लिए गडकरी से माफी मांगने की मांग की।
जब संवाददाताओं ने गडकरी को घेरा तो उन्होंने कहा, "मैंने स्वामी विवेकानंद और दाऊद इब्राहिम के बीच कोई तुलना नहीं की.. मैंने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करे तो वह विवेकानंद या फिर दाऊद इब्राहिम बन सकता है।" गडकरी ने कहा, "मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।"

कांग्रेस ने कहा कि गडकरी की टिप्पणी उनकी पार्टी की सोच के स्तर और मानसिकता को जाहिर करती है। इसके साथ ही कांग्रेस ने माफी मांगने की उनसे मांग की।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि गडकरी की टिप्पणी उनकी भाजपा की संस्कृति और मानसिकता का एक और स्पष्टीकरण है।

तिवारी ने कहा कि केवल सफाई ही काफी नहीं है और भाजपा को इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए, खासतौर से सोच-समझ रखने वालों से और देश के नेताओं से।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने गडकरी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि गडकरी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नुमाइंदे हैं और वे वही भाषा बोलते हैं, जो संघ की होती है।

गुना में सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि गडकरी के बयान पर संघ प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि गडकरी का बयान भाजपा के असली चेहरे को उजागर करने वाला है। गडकरी के भ्रष्टाचार के काले आचरण उजागर हुए हैं जिससे उनके मानसिक संतुलन पर बुरा असर पड़ा है।

गडकरी के बयान के खिलाफ  कांग्रेसी सड़कों पर भी उतर आए। उन्होंने गडकरी का पुतला दहन कर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की।

युवक कांग्रेस व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बोर्ड ऑफिस चौराहे पर गडकरी के पुतले का दहन किया। साथ ही गडकरी से सार्वजनिक माफी मांगे जाने की मांग की गई है। युवक कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर गडकरी ने माफी नहीं मांगी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

उधर, भाजपा नेता गडकरी के बयान पर सफाई देने में जुटे रहे।

भाजपा नेता बलबीर पुंज ने सोमवार को इससे इंकार किया कि गडकरी ने विवेकानंद की तुलना दाऊद से की है। उन्होंने कहा, "उन्होंने विवेकानंद की तुलना दाऊद से नहीं की, उन्होंने सिर्फ दोनों के बीच के विरोधाभास को स्पष्ट किया।"

पुंज ने कहा कि गडकरी सिर्फ यह कह रहे थे कि किसी भी तरह की सत्ता, धन या बुद्धि को अच्छे या बुरे कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस बीच, मध्य प्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय गडकरी के बचाव में खुलकर सामने आए।

विजयवर्गीय ने कहा है कि विवेकानंद व दाउद को लेकर दिए गए बयान को गलत तरीके से लिया जा रहा हैं। गडकरी के बयान को सकारात्मक रुप से लिया जाना चाहिए, उन्होंने तो बुद्घिमत्ता के इस्तेमाल की व्याख्या करते हुए ही दाऊद का नाम लिया था।

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बयान का समर्थन करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि जब भी राम की चर्चा होती है तो रावण का जिक्र आता ही है, ठीक इसी तरह कृष्ण के साथ कंस की चर्चा होती है। इसका अर्थ यह नहीं है कि दोनों को हम बराबर खड़े कर रहे हैं।