अहमदाबाद की रैली में हार्दिक पटेल
नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद में मंगलवार को पटेल समुदाय की विशाल रैली कर राज्य की बीजेपी सरकार को अल्टीमेटम देने वाले 21 साल के हार्दिक पटेल को बिहार से ऊंची आवाज़ में समर्थन मिला है। बिहार के मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्चर्यजनक तौर पर हार्दिक पटेल द्वारा सरकारी नौकरी और कॉलेज की सीटों में पटेल या पाटीदार समुदाय को आरक्षण दिए जाने की मांग का समर्थन किया है।
नीतीश कुमार ने दो साल पहले ही बीजेपी के साथ अपना 17 साल लंबा गठबंधन तब काफी कड़वाहट के बाद तोड़ दिया था जब पार्टी ने गुजरात के मुख़्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाया था। नीतीश कुमार तीसरी बार राज्य के मुख़्यमंत्री की रेस में है। नीतीश कुमार के लिए हार्दिक पटेल दुश्मन के दुश्मन के तौर पर उभर रहे हैं, जिनके साथ भविष्य में दोस्ती की जा सकती है।
हार्दिक पटेल गुजरात के एक बीजेपी नेता के बेटे हैं, जिन्हें मंगलवार को हिरासत में लिए जाने के बाद गुजरात के कई इलाकों में तनाव फैल गया। कॉमर्स में ग्रैजुएशन करने वाले हार्दिक खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं लेकिन उनका अभियान काफी हद तक राजनीति से प्रेरित है। हार्दिक ने कल के अपने भाषण में सीधे-सीधे गुजरात सरकार को ललकारते हुए कहा कि अगर गुजरात सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो अगली बार राज्य में कमल नहीं खिलेगा।
नीतीश-केजरीवाल से समर्थन
मंगलवार की रैली में हार्दिक पटेल ने बिहार के मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ़ की थी। हार्दिक पटेल ने ये भी कहा कि, जिस तरह से अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को किनारा करने में सफलता पायी उससे उन्हें सीख मिली है और वे इसका इस्तेमाल गुजरात के लिए भी कर सकते हैं।
गुजरात की मुख़्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण दिए जाने की इस मांग को सिरे से नकार दिया है। आनंदी बेन के अनुसार गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित 50 प्रतिशत कोटा की सीमा को पूरा कर लिया है। उन्होंने राज्य के लोगों से शांत रहने की अपील की है।