नीतीश कुमार ने मंच से मांझी को लेकर माफी मांगी, बोले, दोबारा गलती नहीं करूंगा

पटना:

जनता दल यूनाइटेड ने बिहार में विधानसभा चुनावों के अभियान की रविवार को शुरुआत कर दी। पार्टी के बूथ स्टार के कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा पटना के गांधी मैदान में आयोजित की गई, जहां पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता जिसमें जिला अध्यक्ष, विधायक, मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव मौजूद थे। वैसे, इस सभा की खास बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाषण रही, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर शनिवार के बजट से लेकर लोकसभा चुनावों में किए गए वादों के लिए खासकर उन्हें पूरा न करने के लिए जमकर आलोचना की।

बजट को उद्योगपतियों के लिए करार देते हुए नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से पूछा कि ये कैसा बजट है, जहां सेवा कर में वृद्धि की जाती है, जिसकी मार मध्यम वर्ग पर पड़ेगी, लेकिन उद्योगपतियों के कॉरपोरेट टैक्स में कमी की जाती है और वेल्थ टैक्स को खत्म किया जाता है।

नीतीश ने पूछा, 'किसके अच्छे दिन आ गए' जिनके आने हैं, आ गए, जिनके नहीं आने, उनके कभी नहीं आएंगे।

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की भी निंदा करते हुए नीतीश ने अपने कार्यकर्ताओं से पूरे राज्य में एक दिन का उपवास रखने की अपील की और कहा कि यह काला कानून है। इससे किसानों का जमीन को पड़े उद्योगपतियों के लिया जाएगा।

नीतीश ने वह चाहे काला धन का मुद्दा हो या विशेष राज्य का मुद्दा अपने कार्यकर्ताओं को पुराने वादों की टेप सुनाई।

नीतीश ने जम्मू और कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ़्ती मुहम्मद सईद को बधाई देते हुए कहा कि वह जनता दल के पुराने नेता रहे हैं, लेकिन बीजेपी को घेरते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव सभा की एक टेप सुनाई जिसमें उन्होंने बाप-बेटा और बाप-बेटी के खिलाफ वोट मांगे थे और कहा था कि इनकी कथनी और करनी में अंतर है।

बजट में बिहार के लिए हुई घोषणा पर उन्होंने कहा की जितना दिया नहीं गया उससे अधिक लिया गया है और कहा कि आने वाले दिनों में उन्होंने बीजेपी के वादों के बारे में सच्चाई बताने के लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

हालांकि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का नाम नहीं लिया, लेकिन पहली बार सत्ता सपने के लिए सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार ने माफी मांगी और कहा कि ऐसी गलती कभी नहीं करेंगे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नीतीश ने आज सार्वजनिक मंच से कहा कि अगर मांझी पार्टी की बैठक में आ जाते तो शायद उनकी कुर्सी बच जाती, लेकिन अपने ऊपर सत्ता की रिमोट कंट्रोल या बिहार निवास को गंगा जल से धुलवाने के मामले पर मांझी के आरोप पर नीतीश ने कहा कि उनके ऊपर आरोप लगाने वाले आरोप लगा लें, लेकिन कोई आरोप टिकने वाले नहीं हैं, लेकिन इस सभा में नीतीश अब अपने वर्तमान के सहयोगियों राजद-कांग्रेस-सीपीआई का जिक्र करना नहीं भूले और माना कि सबकी एकता के कारण बीजेपी की हर कोशिश को बिहार में नाकाम किया गया है।