यह ख़बर 02 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सामाजिक कार्यकर्ता से 'नेता' बने केजरीवाल, किया नई पार्टी का ऐलान

खास बातें

  • अन्ना हजारे की असहमति के बीच अरविंद केजरीवाल ने शासन में लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी की अवधारणा के साथ गांधी जयंती के अवसर पर राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की और कहा कि यह दल आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता है।
नई दिल्ली:

अन्ना हजारे की असहमति के बीच अरविंद केजरीवाल ने शासन में लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी की अवधारणा के साथ गांधी जयंती के अवसर पर राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की और कहा कि यह दल आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता है। इस अवसर पार्टी का 'विजन' पत्र जारी किया गया।

इसके साथ ही केजरीवाल ने कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों दलों की आलोचना करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ मोर्चा खोलने की भी घोषणा की। दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने केजरीवाल द्वारा नई पार्टी के गठन का स्वागत किया।

कांस्टीट्यूशन क्लब में केजरीवाल ने मंगलवार को अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के राजनीतिक दल के गठन घोषणा की और कहा, "यह मेरी पार्टी नहीं है। यह आपकी पार्टी है। यह इस देश के लोगों की पार्टी है। राजनीतिक दल का मकसद जनता का प्रत्यक्ष शासन, भ्रष्टाचार से लड़ाई व मूल्य वृद्धि रोकना होगा।"

"मैं हूं आम आदमी, मुझे चाहिए जनलोकपाल" लिखा गांधी टोपी लगाए केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, "आम आदमी के लिए यह एक बड़ा दिन है। वे भ्रष्ट राजनेताओं, मूल्य वृद्धि से तंग आ चुके हैं और देश की राजनीति में बदलाव के लिए एकजुट हो रहे हैं।" विजन दस्तावेज में पार्टी गठित करने के निर्णय को स्वराज की खोज बताया गया है।

केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी जनलोकपाल लाने व चुनावों में पैसे व ताकत की भूमिका हटाने के लिए चुनावी सुधार लाने की दिशा में भी काम करेगी।

पार्टी के प्रमुख सदस्य योगेंद्र यादव ने दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि यह तो केवल शुरुआत है, एक बार पार्टी गठित हो जाने के बाद पूरी तस्वीर नजर आएगी। इस अवसर पर शांति भूषण, प्रशांत भूषण व मनीष सिसौदिया और अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद थे। नई पार्टी के नाम की घोषणा 26 नवंबर को संविधान दिवस के दिन होगी।

हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अलग हुए केजरीवाल ने दोहराया कि उन दोनों के बीच कोई दरार नहीं आई है।

अन्ना द्वारा उनकी पार्टी को समर्थन के विषय में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा, "यह हमारे लिए एक परीक्षा है। यदि हम अच्छे उम्मीदवार उतारते हैं, तो अन्ना हमारा समर्थन करेंगे।"

उधर, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "यहां कई राजनीतिक दल हैं और यह अच्छा है कि वह भी एक पार्टी बना रहे हैं। सभी नागरिकों को पार्टी गठित करने व चुनाव लड़ने का अधिकार है।"

सड़कों पर राजनीतिक लड़ाई शुरू करने के तहत केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बिजली शुल्क में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान वह मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास की बिजली गुल कर देंगे।

केजरीवाल ने कहा, "लोगों को बिजली का बढ़ा हुआ शुल्क नहीं देना चाहिए। यदि सरकार उनके बिजली कनेक्शन काट देती है तो हम इसे फिर से जोड़ देंगे। मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं। हम केवल मुख्यमंत्री आवास का घेराव नहीं करेंगे, बल्कि बिजली आपूर्ति का तार भी काट देंगे।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार बिजली का बढ़ा हुआ शुल्क वापस नहीं लेती है तो वह अपने समर्थकों के साथ रविवार को प्रदर्शन करेंगे।

केजरीवाल ने कहा, "हम सात अक्टूबर को धरने का आयोजन करेंगे। लोग तीन बजे 114 वार्डों में बिजली के बिल को जलाएंगे। तीन नवम्बर से पहले बिजली का बढ़ा हुआ शुल्क वापस लेना होगा, अन्यथा हम चार नवम्बर को भी प्रदर्शन करेंगे और शीला दीक्षित के आवास का घेराव करेंगे।"

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कांग्रेस एवं भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि इस देश में कोई विपक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस और भाजपा साथ मिलकर काम कर रही हैं। देश में कोई विपक्षी दल नहीं है। हम ही विपक्षी हैं।"