आसाराम को कोई राहत नहीं, अदालत ने जमानत याचिका फिर खारिज की

आसाराम की फाइल तस्वीर

जोधपुर:

यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम को अदालत ने शनिवार को फिर जमानत देने से इनकार कर दिया। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को बतौर वकील आसाराम की पैरवी की थी। उन्होंने दलील दी थी कि पूरे मामले को गढ़ा गया है और आसाराम जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं। अदालत ने अपना आदेश शनिवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। जमानत याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष के वकील पीसी सोलंकी ने कहा था कि अदालत को फैसला करने से पहले पीड़िता की उम्र सहित इस कथित अपराध की परिस्थितियों पर ध्यान देना चाहिए।

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इससे पहले आसाराम की दो जमानत याचिकाएं निचली अदालत ने खारिज की थीं। उन्होंने जमानत के लिए दो बार हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां भी उन्हें नाकामी मिली थी। एक बार सुप्रीम कोर्ट से भी उनको कोई राहत नहीं मिली। आसाराम सितंबर, 2013 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं। उन पर अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है।