यह ख़बर 10 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

यूपीए-2 में चुनौतियां स्पष्ट नहीं : चिदंबरम

खास बातें

  • केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यूपीए-2 सरकार ने उन चुनौतियों का सामना किया है जो साफ जाहिर नहीं थीं लेकिन सरकार ने तालमेल बिठाने एवं सहयोगियों को साथ लाना सीख लिया।
बेंगलुरू:

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यूपीए-2 सरकार ने उन चुनौतियों का सामना किया है जो साफ जाहिर नहीं थीं लेकिन सरकार ने तालमेल बिठाने एवं सहयोगियों को साथ लाना सीख लिया।

चिदंबरम ने कहा कि यूपीए-1 में मुझे पहले दिन से पता था कि चुनौतियां हैं। खुलकर कहूं तो यूपीए-2 में चुनौतियां इतनी स्पष्ट नहीं थीं। अचानक से कुछ नई चुनौतियां आ गईं। यही यूपीए-1 और यूपीए-2 में अंतर है।

वह एक तरह से वाम दलों का जिक्र कर रहे थे जिन्होंने यूपीए-1 में समर्थन दिया और वस्तुत: ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस का भी उल्लेख कर रहे जो मौजूदा गठबंधन में साझेदार है।

हालांकि चिदंबरम ने गठबंधन सहयोगियों में मतभेदों की बात को कमतर करके आंकते हुए कहा कि सभी दलों का अपना राजनीतिक एजेंडा है। उन्होंने कहा कि लेकिन जैसे ही हम नई चुनौतियां देखते हैं तो हम उनके साथ तालमेल बिठाने और लोगों को मनाना सीख जाते हैं।

चिदंबरम ने सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में विनिवेश पर एक तरह से वाम दलों के कड़े विरोध का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि मसलन यूपीए-1 में हमारे सामने यह मजबूरी थी कि हम निवेश नहीं कर सके। हमने एनटीपीसी के विनिवेश को लेकर एक समय रेखा पार कर ली लेकिन बाद में उन्होंने चौड़ी रेखा खींची और कहा कि आप विनिवेश नहीं कर सकते।

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यूपीए-1 के सामने परमाणु सौदे को एक और चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि वह साझेदारी तोड़ने वाली स्थिति थी। उन्होंने कहा, ‘हमें साझेदारी टूटने की स्थिति में पहुंचे बिना गठबंधन चलाना चाहिए।’