जानें कौन हैं नूरजहां, क्यों पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की उनकी तारीफ?

जानें कौन हैं नूरजहां, क्यों पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की उनकी तारीफ?

कानपुर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में सौर ऊर्जा से अपने गांव को रोशन कर रही नूरजहां का नाम किया लिया, कानपुर के छोटे से गांव बेरी दरियांव देश भर में चर्चा में आ गया। शहर से 25 किलोमीटर दूर बने शिबली के इस बिना सुख सुविधाओं वाले गांव की नूरजहां के घर भारतीय जनता पार्टी नेताओं का ही नहीं, बल्कि मीडिया का भी जमावड़ा लग गया। काफी खुश दिखायी पड़ रही नूरजहां को उम्मीद है कि अब उन्हें अपना काम बढ़ाने के लिए सरकारी सहायता मिल सकेगी।

गांव के पचास लोगों को 100 रुपये प्रति माह के किराए पर सौर ऊर्जा की लालटेन किराए पर देकर अपने परिवार के छह सदस्यों का पेट पालने वाली नूरजहां आज से तीन साल पहले तक खेतों में मजदूरी करती थी। शाम को वह इस पैसे का आटा और दूसरे सामान लाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालती थी। लेकिन गांव में एक कम्युनिटी रेडियो चलाने वाली स्वंयसेवी संस्था ने तीन साल पहले नूरजहां की जिंदगी ही बदल दी और उसे अब अपने पैरो पर खड़ा कर दिया।

सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद
नूरजहां को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री द्वारा उसका नाम रेडियो पर लेने से शायद अब सरकार से उसको कुछ आर्थिक सहायता मिल सके और वह अपनी 50 सौर ऊर्जा लालटेनों को बढ़ाकर 100 कर ले, क्योंकि गांव में पर्याप्त बिजली न होने के कारण बच्चों को पढ़ाने के लिए उसकी सौर लालटेन की मांग अब दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है।

15 रुपये रोजाना पर खेतों में मजदूरी करती थी नूरजहां
प्रधानमंत्री द्वारा सराहना किए जाने से 55 वर्षीय नूरजहां बेहद खुश हैं। वह कहती हैं, 'बीस साल पहले मेरे पति का निधन हो गया था वह बैंड मास्टर थे। उनके निधन के समय बच्चे बहुत छोटे थे और खेती की जमीन भी नहीं थी। फिर बच्चों का पेट पालने के लिए गांव के खेतों में 15 रुपये रोज की मजदूरी करने लगी। इससे वह अपने परिवार का पेट पालती थी। नूरजहां और उसके परिवार का पेट कभी कभी ही भर पाता था, क्योंकि मजूदरी रोज नहीं मिलती थी।

स्वंयसेवी संस्था ने की नूरजहां की मदद
आर्थिक तंगी और गरीबी से जूझ रही नूरजहां को फिर तीन साल पहले गांव में कम्युनिटी रेडियो चलाने वाली एक स्वंयसेवी संस्था ने उसके घर पर सौर ऊर्जा की एक प्लेट लगवाई और सौर ऊर्जा से चलने वाली एक लालटेन दी, जिससे वह अपना घर रोशन करती थी। नूरजहां ने बताया कि जब उसे कभी कभी मजदूरी नहीं मिलती थी, गांव के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए उससे लालटेन ले जाते थे, बदले में उसे कुछ पैसे दे जाते थे। जब स्वंयसेवी संस्था को यह पता चला कि वह इस लालटेन को किराए पर चलाने लगी है, तब उन्होंने उसे कुछ लालटेन और लाकर दी। इस तरह धीरे धीरे उसके पास आज 50 सौर ऊर्जा लालटेन हो गईं तथा उसके घर पर सौर ऊर्जा के पांच पैनल इस स्वंयसेवी संस्था ने लगवा दिए। अब गांव के लोग उससे रोजाना शाम को सौर लालटेन ले जाते है और सुबह उसे वापस दे जाते है। वह इन लालटेनों को चार्ज पर लगा फिर लगा देती है।

राज्य सरकार या जिला प्रशासन से नहीं मिली कोई मदद
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मन की बात में नूरजहां के इस सौर लालटेन का जिक्र किया तो उसके घर नेताओं का तांता लग गया तब उसे मालूम हुआ कि उसकी एक लालटेन ने उसे पूरे देश में मशहूर कर दिया है। वह कहती हैं कि बहुत खुशी हुई कि देश के प्रधानमंत्री ने मेरा नाम लिया और मेरे काम को सराहा। लेकिन उसे इस बात का दुख भी है कि प्रदेश सरकार या जिला प्रशासन ने कभी उसकी इस काम के लिए मदद नहीं की और न ही कोई आर्थिक सहायता दी। लेकिन वह मदद करने वाली स्वंयसेवी संस्था की तारीफ करती नहीं थकती।

50 सौर लालटेनों को बढ़ाकर सौ करना चाहती हैं नूरजहां
तीन बेटो, दो बहुओं और एक पोते के परिवर की मुखिया नूरजहां कहती हैं कि आज जब इतने बड़े आदमी ने मेरा नाम लिया है तो मुझे उम्मीद है कि अब प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार मेरे इस काम में मदद करेंगी और मैं अपने इस 50 लालटेन के काम को और बढ़ा कर 100 लालटेन कर सकूंगी, क्योंकि गांव में बिजली न आने के कारण परीक्षाओं के दिनों में मां-बाप अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अधिक लालटेनों की मांग करते है जो मैं पूरा नहीं कर पाती हूं। नूरजहां ने बताया कि अब तो आसपास के गांव के लोग भी लालटेन मांगने आते हैं। उनसे पूछा गया कि वह अपने काम को केवल 100 लालटेनों तक ही क्यों सीमित रखना चाहती है तो वह बहुत ही मासूमियत से कहती हैं कि इससे ज्यादा हम संभाल नहीं पाएगे और न ही ज्यादा पैसा कमाने की चाहत है। बस परिवार को सुकून से दो वक्त की रोटी मिल जाए इसी में हम खुश हैं।

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बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही मन की बात में कानपुर की नूरजहां का नाम लिया कानपुर के भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी अपनी टीम के साथ दोपहर बाद नूरजहां के गांव पहुंच गए। पहले तो उन्होंने नूरजहां को फूल माला पहनाई बाद में शाल ओढ़ा कर उनका सम्मान किया। मैथानी ने कहा कि वह पत्र लिखकर केंद्र सरकार से नूरजहां की मदद करने का आग्रह करेंगे और अगर किन्ही कारणों से केंद्र सरकार से मदद न मिल पाई तो हम कानपुर के बीजेपी विधायकों और नेताओं से चंदा कर एक अच्छी रकम इकट्ठा करके नूरजहां को देंगे ताकि वह अपनी सौर ऊर्जा वाले लालटेन परियोजना को और बढ़ा सकें।