नोटबंदी पर सियासी घमासान जारी : पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी, सरकार-विपक्ष के वार-पलटवार

नोटबंदी पर सियासी घमासान जारी : पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी, सरकार-विपक्ष के वार-पलटवार

पीएम मोदी और राहुल गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राहुल ने कहा, 'गरीबों से खींचो और अमीरों को सींचों
  • जनता चुनाव में पीएम मोदी को कंगाल कर देगी
  • गरीबों का पैसा छीनकर बैंकों में जमा हो रहा है
नई दिल्ली:

नोटबंदी को लेकर सियासी जंग छिड़ी हुई है. सरकार जहां उसे सफल बताने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष इस कदम को परेशान करने वाला और जल्दी में लिया गया फैसला करार दे रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक दूसरे को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते.

बुधवार को पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात के मेहसाणा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को 'नागरिकों पर बमबारी' करार दिया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम का मकसद गरीबों से धन छीनकर धनवानों को देना है.

विपक्षी पार्टियों में राहुल गांधी नोटबंदी को लेकर लगातार मुखर बने हुए हैं. वहीं, पीएम मोदी भी जनसभाओं में चुन-चुनकर अपने विरोधियों पर वार कर रहे हैं. दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप पर एक नजर...

1.8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद 12 नवंबर को कांग्रेस के वाइस-प्रेसिडेंट राहुल गांधी पैसा निकालने के लिए दिल्ली के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की पार्लियामेंट स्ट्रीट ब्रांच पहुंचे थे. यहां वे लोगों के साथ लाइन में लगे. राहुल ने कहा था, ''मैं यहां 4 हजार बदलने आया हूं. उन्होंने कहा था कि मैं लाइन में लगना चाहता हूं. लोगों का दर्द बांटने आया हूं.'' 

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले को लेकर 13 नवंबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग बड़े घोटाले में शामिल हैं,अब 4000 रुपये के नोट निकालने के लिए लाइन में खड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 2012, 2013, 2014 में समाचारपत्र कोयला और 2जी जैसे घोटालों में बहुत सारा पैसा बनाने की खबरों से भरे रहते थे. लेकिन 8 नवंबर के बाद उनकी स्थिति ऐसी थी कि उन्हें 4 हजार रुपये के लिए लाइन में खड़े होना पड़ा.

2.'गरीबों से खींचो और अमीरों को सींचो'
19 दिसंबर जौनपुर में आयोजित एक रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी फिर एक बार नए नारे के साथ पीएम मोदी पर हमला बोला. राहुल ने कहा, 'गरीबों से खींचो और अमीरों को सींचों, यह है नोटबंदी की सच्चाई'. कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार गरीबों से पैसा लेकर अमीरों को दे रही है. उन्‍होंने कहा, 'मोदी जी ने गरीबों का पैसा छीनकर बैंक में जमा करवाया. आने वाले समय में वह अमीरों को यह पैसा बांटेंगे. गरीबों से पैसा खींचो और अमीरो को सींचो, इसी का नाम नोटबंदी है.
 
3. 'अंधे को अंधेरे में बड़ी दूर की सूझी'
नोटबंदी को लेकर मायावती ने पीएम मोदी पर 26 नवंबर को घेरते हुए कहा कि अंधे को अंधेरे में बड़ी दूर की सूझी. उन्होंने कहा कि केंद्र ने नोटबंदी का फैसला अपने निजी स्वार्थ के लिए लिया है. यह अपरिपक्व फैसला जल्दबाजी में बिना तैयारी के लिया गया है। इस फैसले से आर्थिक इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इसके अलावा 6 दिसंबर को भी उन्होंने पीएम मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा था, 'नोटबंदी ने लोगों को फकीर बना दिया, जनता चुनाव में मोदी को कंगाल बना देगी.'

4. "नोटबंदी ने लोगों को फकीर बना दिया"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि मोदी सरकार ने लोगों की ओर से सामना की जाने वाली परेशानी नहीं समझी जिन्हें नोटबंदी के बाद फकीर बना दिया गया. ममता ने यहां एक जनसभा में कहा, लोगों की मुश्किलें समझते हुए वेनेजुएला ने नोटबंदी पर निर्णय वापस ले लिया लेकिन मोदी सरकार ने किसी की भी नहीं सुनी. यह गूंगी और बहरी सरकार है.

5. ...तो मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुंह छुपाते घूमेंगे?
नोटबंदी के मुद्दे पर मचे सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती देते हुए कहा था कि यदि पचास दिन में हालात सामान्य नहीं हुए तो क्या प्रधानमंत्री इस्तीफा देंगे. यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर लिखा कि प्रधानमंत्री के पचास दिन की मोहलत में 22 दिन बाकी हैं. पचास दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुंह छुपाते घूमेंगे. न प्रधानमंत्री, न उनके मंत्री, ना आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गांवों की समझ है. ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी.



 


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