अब निचले पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए राज्य भी नहीं लेंगे इंटरव्यू! केंद्र का निर्देश

अब निचले पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए राज्य भी नहीं लेंगे इंटरव्यू! केंद्र का निर्देश

जितेंद्र सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा गया है कि वे भ्रष्टाचार को रोकने और गरीब और संसाधनहीन छात्रों की समस्या को काफी कम करने के लिए निचले स्तर के चिह्नित पदों के लिए साक्षात्कार (इंटरव्यू) लेने की प्रथा को समाप्त करें।

केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यों को लिखा खत
केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखकर इस तरह के पदों की पहचान करने को कहा, जिनसे साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है।

पीएम मोदी के सुझाव पर काम कर रहे मंत्री
यह कदम तब उठाया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस तरह का सुझाव दिया था।

सचिवों के बाद मुख्यमंत्रियों को खत
प्रधानमंत्री के सुझाव पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कार्मिक मंत्रालय ने इससे पहले सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा था। अब सिंह ने सभी मुख्यमंत्रियों को अलग से पत्र भेजा है और उनसे अपने राज्यों में यह पहल करने का अनुरोध किया है।

सिंह ने कहा, ‘सरकार की राय है कि निचले स्तर के पदों जिनमें व्यक्तित्व या कौशल का मूल्यांकन करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है, उसपर भर्ती के लिए साक्षात्कार को समाप्त किया जाना चाहिए।’

इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी
सिंह ने कहा, ‘साक्षात्कार को इस तरह के पदों के लिए खत्म करने का उद्देश्य यह है कि यह भ्रष्टाचार पर रोक लगाएगा, पारदर्शी तरीके से अधिक वस्तुनिष्ठ चयन सुनिश्चित करेगा और गरीब और संसाधनहीन उम्मीदवारों की समस्या को काफी आसान बनाएगा।’

उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ मेधा को अधिक महत्व देगा बल्कि सरकार के ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ के संकल्प को पूरा करेगा।

केंद्र ने तमाम पदों की कर ली पहचान
अपने पत्र में सिंह ने सूचित किया है कि केंद्र सरकार के तहत विभिन्न मंत्रालयों और अन्य संगठनों में कई ग्रुप ‘बी’ (अराजपत्रित) और ग्रुप ‘सी’ (नॉन टेक्निकल) पदों की पहचान पहले ही कर ली गई है जहां साक्षात्कार के बिना प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए चयन किया जा सकता है।

पारदर्शी शासन हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे लोक सेवा आयोग और अपने राज्य में अन्य भर्ती करने वाली एजेंसियों को इस काम में शामिल करें जहां साक्षात्कार को खत्म किया जा सकता है और चयन सिर्फ परीक्षा के जरिए किया जा सकता है। यह नागरिक केंद्रित पारदर्शी शासन हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

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केंद्र ने लागू की तमाम सरलीकृत कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने पिछले 16 महीने में कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं जिसमें प्रमाण पत्रों के सत्यापन को समाप्त करने और स्व प्रमाणीकरण को लागू करने, लिखित जीवन प्रमाण पत्र की आवश्यकता को खत्म करने के लिए पेंशन पोर्टल की शुरुआत और सिविल सेवा परीक्षा की पद्धति और पाठ्यक्रम पर पुनर्विचार और संशोधन पर फैसला शामिल है।