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खास बातें
- टीएमसी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इससे सरकार को कोई ख़तरा नहीं है। लेकिन क्या है सरकार का अंकगणित, आइए जानते हैं...
नई दिल्ली: टीएमसी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। इससे सरकार को कोई ख़तरा नहीं है। लेकिन क्या है सरकार का अंकगणित, आइए जानते हैं...
- कांग्रेस के पास 205 सांसद
- डीएमके के 18 सांसद
- एनसीपी के 9 सांसद
- राष्ट्रीय लोकदल के 5 सांसद
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के 3 सांसद
- अन्य 21 सांसद
यानी कुल 261 सांसद होते हैं
इसके अलावा सरकार को बाहर से समर्थन देने वालों दलों में
- सपा के 22 सांसद
- बीएसपी के 21 सांसद
और
- जेडीएस के 3 सांसद
यानी कुल 46 सदस्य
इन्हें जोड़ दें तो यूपीए के समर्थन में कुल 261+46 यानी 307 सांसद हो जाते हैं।
फिलहाल टीएमसी के 19 सांसदों के हटने के बावजूद सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा।
लेकिन, अगर सपा भी अपने 22 सांसदों के साथ अलग हो जाए तो सरकार के हक़ में 307−22 यानी 285 सांसद रहेंगे। यानी सरकार की निर्भरता मायावती पर काफी बढ़ जाएगी।
लेकिन, अगर बीएसपी साथ है और डीएमके अपने 18 सांसदों का समर्थन यूपीए से वापस ले लेता है तो 285 में से 18 घटाने पर सरकार को 267 सांसदों का ही समर्थन रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
अब रही बात बीएसपी की तो अगर मायावती भी अपने 21 सांसदों के साथ अलग हो जाए तो सरकार के पास 285−21 यानी सिर्फ 264 सांसदों का समर्थन रह जाएगा। यानी सरकार सीधे अल्पमत में आ जाएगी।