ओबामा ने किया चार अरब डॉलर निवेश का ऐलान, मोदी ने अमेरिकी निवेशकों को लुभाने की कोशिश की

नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने के उपायों के तहत चार अरब डॉलर के निवेश और कर्ज की आज घोषणा की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करते हुए उन्हें एक भरोसेमंद कर व्यवस्था और व्यवसाय के लिए खुला वातावरण सुलभ कराने का भरोसा दिलाया और कहा कि 'बाकी बची अनिश्चितताएं' भी दूर कर दी जाएंगी।

आज शाम भारत-अमेरिका कारोबारी सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'अगले दो साल में हमारा आयात-निर्यात बैंक भारत को अमेरिकी निर्यात में वित्तपोषण के लिए एक अरब डॉलर की कर्ज सुविधा देने को प्रतिबद्ध होगा.. और अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी भारत में अक्षय ऊर्जा में करीब दो अरब डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखेगी।'

भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ओवरसीज प्राइवेट इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन भारत में पिछड़े ग्रामीण एवं शहरी बाजारों में लघु एवं मध्यम उद्यमों को करीब एक अरब डॉलर की कर्ज सुविधा प्रदान करेगी।

ओबामा ने कहा कि दोनों देश आर्थिक संबंधों की असली संभावनाओं का दोहन करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। 'हम अपने आर्थिक संबंधों की संभावनाओं का दोहन करने के लिए नई गति, नई ऊर्जा और नई उम्मीदों के साथ शुरुआत कर सकते हैं।'

वहीं प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने कुछ 'पुरानी ज्यादतियां' दूर की हैं। उन्होंने कहा, 'अब हम बाकी अनिश्चितताओं को जल्द ही दूर करेंगे।' उन्होंने जाहिरातौर पर पिछली सरकार द्वारा लाए गए पूरानी तिथि से लागू कराधान कानून के संबंध में यह बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा कि वह खुद बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखेंगे और कहा कि किसी भी मुद्दे के समाधान के लिये वह उपलब्ध होंगे।

उन्होंने फोरम में आए उद्योगपतियों से कहा, 'मैं हमेशा उपलब्ध हूं, मैं आपकी बात सुनूंगा।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक अच्छा सुझाव आया है कि बड़ी परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर नजर रखी जाये। मैं इस सुझाव से सहमत हूं। मैं बड़ी परियोजनाओं पर नजर रखने की जिम्मेदारी लेता हूं। मैं उनपर खुद नजर रखूंगा।' मोदी ने कहा कि वह राज्यों को भी साथ लेकर चलेंगे और उन्होंने भारत के संघीय ढांचे के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 'राज्यों के बीच भिन्नता की संभावना कम है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच नजदीकी होगी और छोटी मोटी टकरावों का समाधान कर लिया जाएगा।'

मोदी ने आईपीआर मुद्दे को काफी अहम बताया और कहा कि दुनिया भर में लोगों को इसका समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्यसमूह बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।

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कृषि क्षेत्र के बारे में मोदी ने कहा 'हर बूंद ज्यादा फसल।' उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति को अपनाने से जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों का भी समाधान होगा और कृषि उपज बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।