छत्तीसगढ़ के इस रेलवे स्टेशन पर साल भर में बिके बस 27 प्लेटफॉर्म टिकट

प्रतीकात्मक तस्वीर

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से लंबी दूरी की तीन एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं- समलेश्वरी, हीराखंड, जगदलपुर एक्सप्रेस और वन-टू वी पैसेंजर ट्रेन, लेकिन यहां के रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री नहीं के बराबर है।

पिछले महीने 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2014-15 के ब्यौरे के मुताबिक, जगदलपुर स्टेशन पर सिर्फ 27 प्लेटफॉर्म टिकटों की ही बिक्री हुई है।

अधिकारी बताते हैं कि यहां हर महीने औसतन दो प्लेटफार्म टिकटें ही बिकती हैं। ऐसा नहीं है कि लोग यात्रियों को छोड़ने स्टेशन नहीं आते। रोज दो सौ से तीन सौ यात्री जगदलपुर स्टेशन पर ट्रेनों में चढ़ते और उतरते हैं तथा यात्रियों को ट्रेन में विदा या रिसीव करने रोजाना 25-50 लोग स्टेशन पहुंचते हैं, लेकिन इनमें से कोई भी प्लेटफॉर्म टिकट नहीं खरीदता। दरअसल, प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने की किसी को जरूरत ही महसूस नहीं होती।

जगदलपुर के स्टेशन अधीक्षक जॉन कुजूर कहते हैं कि साल में 25-30 प्लेटफार्म टिकटें ही बिक पाती हैं। लोग स्टेशन में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की बात करते हैं, लेकिन जब प्लेटफॉर्म टिकटों की खरीदी आदि मुद्दों पर रेलवे का सहयोग की बात आती है, तो पीछे हट जाते हैं। लोगों को आदत बदलनी होगी और रेलवे के प्रति सहयोगात्मक रवैया भी दिखाना होगा।

बताया गया कि बाहर से आने वाला व्यक्ति, जिसे जगदलपुर स्टेशन के बारे में जानकारी नहीं होती है और वह किसी काम से ट्रेन छूटने के समय स्टेशन पहुंच जाता है, तो सिर्फ वही लोग कभी-कभार प्लेटफॉर्म टिकट खरीद लेते हैं।

एक रेल अधिकारी खुद कहते हैं कि टिकटों की चेकिंग की व्यवस्था नहीं है। हो भी कैसे, जब प्लेटफॉर्म से स्टेशन के बाहर निकलने के लिए एक दर्जन से ज्यादा रास्ते हों। खुला स्थान होने के कारण बिना टिकट यात्री आसानी से बाहर निकल जाते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, जगदलपुर में टीटीई या टीसी की पदस्थापना नहीं होने से टिकटों की चेकिंग नहीं हो पा रही है। पिछले कुछ सालों में स्टेशन मैनेजर के रूप में एम.आर. नायक और कमर्शियल मैनेजर के पद पर सी.एच. रंगाराव पदस्थ थे, तब ये दोनों अधिकारी माह में कम से कम एक बार गेट में टिकटों की चेकिंग करते थे, लेकिन इनके तबादले के बाद टिकटों की चेकिंग पूरी तरह से बंद है।

अभी तक प्लेटफार्म टिकट की कीमत पांच रुपये थी, पर एक अप्रैल से इसे दोगुना कर दस रुपये कर दिया गया है, लेकिन टिकटों की बिक्री नहीं होने के कारण जगदलपुर स्टेशन को इससे कोई फायदा नहीं होने वाला।

जानकारी के मुताबिक, किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन में बस्तर में किरंदुल से लेकर आमागुड़ा तक 18 स्टेशन आते हैं। इनमें से सिर्फ एक स्टेशन जगदलपुर में साल में कुछ टिकटें बिक जाती हैं। इस इकलौते स्टेशन को छोड़ दें तो किरंदुल से लेकर आमागुड़ा तक प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री का खाता भी नहीं खुलता है।


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