यह ख़बर 08 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आखिर चलने लगी संसद, चिदंबरम से मांगा इस्तीफा

खास बातें

  • आखिरकार दोपहर बाद संसद चलने लगी...। महंगाई के लिए स्वराज ने केंद्र को ज़िम्मेदार ठहराया तो वित्त मंत्री ने इसके लिए राज्यों को भी ज़िम्मेदार ठहराया।
New Delhi:

महंगाई पर सरकार को घेरते हुए विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इसके लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार के दिए आंकड़ों से गरीब का पेट नहीं भरेगा। सुषमा ने ये भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और मोरारजी देसाई के दौर में महंगाई पर लगाम लगी थी पर कांग्रेस सरकारें नाकाम रही हैं। लोकसभा में हुए इस हमले का जवाब वित्त मंत्री ने राज्यसभा में दिया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महंगाई के लिए सिर्फ केंद्र ही जिम्मेदार नहीं बल्कि राज्य भी हैं। इससे पहले, 2जी घोटाले को लेकर गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस्तीफे तथा अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष द्वारा किए गए भारी हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो स्थिति वैसी ही बनी रही और सदन में हंगामा जारी रहा। अध्यक्ष मीरा कुमार के बार-बार कहने के बावजूद जब विपक्षी सांसद शांत नहीं हुए, तो सदन की कार्यवाही दोबारा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर जनता दल (यू) के सदस्य चिदंबरम के इस्तीफे की मांग करते हुए आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। एनडीए के प्रमुख दल भाजपा के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर यही मांग करते देखे गए। उधर, तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक तथा पीएमके के सदस्य मुल्लापेरियार बांध मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आ गए। सत्तारूढ़ संप्रग के घटक दल द्रमुक के टीआर बालू भी अपने स्थान पर खड़े होकर सदन में मुल्लापेरियार बांध पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे। अध्यक्ष मीरा कुमार ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और हंगामा जारी रहा। स्थिति शांत नहीं होते देख उन्होंने बैठक कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


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