नोटबंदी पर विपक्ष ऐसे गोलबंद हुए जैसे बाढ़ में चूहे, सांप एक ही पेड़ पर आश्रय लेते हैं : अमित शाह

नोटबंदी पर विपक्ष ऐसे गोलबंद हुए जैसे बाढ़ में चूहे, सांप एक ही पेड़ पर आश्रय लेते हैं : अमित शाह

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'हमने ऐसी सरकार दी है जिसपर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा'
  • 'एक फैसले से आतंकवादी, जाली नोट और नशे के कारोबारी निर्धन हो गए'
  • 'काला धन नासूर बनकर देश के अर्थतंत्र का खून चूस रहा था'
चंडीगढ़:

नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नोटबंदी के कारण सपा, बसपा, ममता, कांग्रेस और केजरीवाल आदि का पर्दाफाश हो गया है और जिस तरह से बाढ़ के समय चूहे, बिल्ली, सांप बचने के लिए एक ही पेड़ पर आश्रय लेते हैं, उसी प्रकार से ये दल नोटबंदी के खिलाफ गोलबंद हो गए हैं.

शाह ने देश में पंचायत से संसद तक बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री को 15 वर्ष देने की अपील की. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी घूम-घूमकर कहते हैं कि इन ढाई वर्षों में क्या फर्क पड़ा है. हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हमने तो सबसे पहला काम यह किया है कि देश को बोलने वाला प्रधानमंत्री दिया है. हमने केंद्र में एक ऐसी पारदर्शी सरकार दी है जिसपर इन ढाई वर्षों में विरोधी भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सके हैं.

बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार ने 10 वर्षों में एक के बाद एक घोटाले किये, अंतरिक्ष से लेकर पाताल तक 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले किये और राहुलजी पूछते हैं कि फर्क क्या आया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, जाली करेंसी और जाली नोटों पर मोदी सरकार के कड़े प्रहार का विरोध करके सपा, बसपा, ममता, कांग्रेस और केजरीवाल ने अपने-आपको देश की जनता के सामने एक्सपोज कर दिया है. यह फैसला देशहित में लिया गया है जिसका फायदा आने वाले समय में देश के गरीबों को ही सबसे ज्यादा मिलने वाला है.

शाह ने कहा कि 7 नवंबर तक विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री मोदी पर कालेधन पर कार्रवाई को लेकर हाय-तौबा मचा रही थी, 8 नवंबर को कालेधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कठोर कार्रवाई करने के बाद अब उन्होंने उल्टी हाय-तौबा मचा रखी है कि नोटबंदी क्यों कर दी? उन्होंने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि इस एक फैसले से आतंकवादी, नक्सलवादी, जाली नोट और नशे के कारोबारी निर्धन हो गए हैं, देश के अर्थतंत्र को खोखला करने वालों के पास पड़ा हुआ धन रद्दी में तब्दील हो गया है.

शाह ने कहा कि काला धन नासूर बनकर देश के अर्थतंत्र का खून चूस रहा था, हमने उसे एक ही झटके में समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भी काले-धन पर कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, हमें राहुल बाबा पर तो कोई आश्चर्य नहीं हो रहा है, उनके सलाहकारों पर जरूर तरस आ रहा है. उन्होंने कहा कि हमने 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले वादा किया था कि यदि देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो हम इस देश की सीमाओं को सुरक्षित करने का काम करेंगें.

उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन सरकार के 10 वर्षों में कोई भी हमारी सीमाओं का अपमान करके चला जाता था, हमारे जवानों का अपमान करता था, सीमा पर शहीदों के सिर काट लिए जाते थे और दिल्ली के हुक्मरानों के जूं तक नहीं रेंगती थी. उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी को फर्क पता नहीं चलेगा क्योंकि उनकी आखों पर इटली का चश्मा लगा हुआ है. सोनिया-मनमोहन की सरकार के समय सीमा पर गोलीबारी की शुरुआत पाकिस्तान की सेना करती थी और अंत भी पकिस्तान की ही सेना करती थी, आज भी सीमा पर गोलीबारी की शुरुआत पाकिस्तान की सेना ही करती है लेकिन उसे खत्म भारतीय सेना करती है.

शाह ने कहा कि आज हमारे जवानों को दुश्मनों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दिल्ली से ऑर्डर लेने की जरूरत नहीं पड़ती, आज सीमा पर गोली का जवाब गोले से दिया जाता है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और बाकी पार्टियों के चुनाव जीतने का तरीका अलग है. भाजपा विचारधारा के आधार पर एक निश्चित लक्ष्य लेकर चलने वाली पार्टी है.

उन्होंने कहा कि यदि हम अपने लक्ष्य के साथ हम पूरे देश की जनता को जोड़ नहीं पाते तो हम अकेले अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते. भारतीय जनता पार्टी अपने बूथ कार्यकर्ता के बगैर कभी चुनाव नहीं जीत सकती, यह हमारी कार्यसंस्कृति है, हमारी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए बूथ की जो रचना की गई है, उसे जनसंघ से लेकर आजतक हमने बहुत महत्व दिया है. उन्होंने कहा कि देश की जनता को भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्य के साथ जोड़ने के लिए भी संगठन की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण हो जाती है. भाजपा एक ऐसी पार्टी है जहां छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को भी बड़े मौके मिलते रहते हैं.

उन्होंने सवाल किया कि क्या देश में कोई दूसरी पार्टी है जहां इतने गरीब घर में जन्म लेने वाला व्यक्ति संगठन में काम करते-करते देश का प्रधानमंत्री बन सके, ऐसा बनने के लिए आपको एक निश्चित राजघराने में जन्म लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कई पार्टियों में पहले ही तय हो जाता है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा. कांग्रेस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, यह सबको पता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, क्या यह किसी को पता है?

अमित शाह ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसका बूथ स्तर का एक अदना सा कार्यकर्ता भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है. चुनाव में हार-जीत भाजपा के लिए कोई मायने नहीं रखती लेकिन यदि हमारा संगठन मजबूत बनता है तो हमें जीतने से कोई नहीं रोक सकता. शाह ने कहा कि 30 साल बाद पहली बार देश की जनता ने एक निर्णायक फैसला किया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यदि किसी गैर-कांग्रेसी दल को देश की जनता ने पूर्ण बहुमत देने का काम किया तो वह भारतीय जनता पार्टी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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