ओआरओपी : पूर्व सैनिकों ने सरकार के व्यय के ब्यौरे को नकारा

ओआरओपी : पूर्व सैनिकों ने सरकार के व्यय के ब्यौरे को नकारा

दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक।

नई दिल्ली:

जंतर-मंतर पर धरने पर 226 दिन से बैठे पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर व्यय के ब्यौरे को नकार दिया है। इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के प्रवक्ता कर्नल अनिल कौल ने कहा कि पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय हुआ है। जो चार विसंगतियां थीं उसे दूर नहीं किया गया है।

आंदोलन तेज करने की चेतावनी
कर्नल कौल ने कहा है कि वे इसके खिलाफ आंदोलन और तेज करेंगे और कोर्ट में भी जाएंगे। इससे पहले बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ओआरओपी को लागू किया जाता है तो करीब 7500 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। इसके लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा जवानों को मिलेगा। करीब 86 फीसदी फायदा जवानों, जेसीओ स्तर के जवानों को मिलेगा। अधिकारियों को 14 फीसदी लाभ ही मिलेगा।

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मंत्रालय के मुताबिक एक जुलाई 2014 से ओआरओपी लागू हो रही है और 31 दिसंबर तक एरियर 10,900 करोड़ रुपये बन रहा है। सरकार का तर्क है कि इसके लागू होने से करीब 18 लाख पूर्व सैनिकों और शहीद की विधवाओं को फायदा होगा।