यह ख़बर 27 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

पीएसी अध्यक्ष नहीं, भाजपा सदस्य की रपट : सरकार

खास बातें

  • पीएसी की मसौदा रिपोर्ट से खिन्न सरकार ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि जोशी पीएसी प्रमुख की बजाय भाजपा सदस्य की तरह आचरण कर रहे हैं।
New Delhi:

टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी द्वारा तैयार मसौदा रिपोर्ट से खिन्न सरकार ने उसके प्रति नाराज़गी जताते हुए बुधवार को कहा कि जोशी पीएसी प्रमुख की बजाय भाजपा के सदस्य की तरह आचरण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को निशाना बनाए जाने वाली मीडिया में लीक हुई इस मसौदा रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर एक मंत्री ने कहा, यह पीएसी की नहीं, बल्कि जोशी की रिपोर्ट है, इस फर्क को समझा जाना चाहिए। एक अन्य मंत्री ने कहा, जोशी पीएसी के प्रमुख की बजाय भाजपा के सदस्य की तरह आचरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जोशी को यह समझना चाहिए कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त पीएसी अध्यक्ष इस संसदीय समिति के सदस्यों के बराबर के दर्जे का ही होता है। इस मंत्री ने कहा, पीएसी के सदस्य लगातार यह शिकायत करते आ रहे हैं कि उन्हें पीएसी की बैठकों का एजेंडा कभी नहीं उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा, यहां तक कि दूरसंचार मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई गई सूचनाएं भी सदस्यों से सहभाजी नहीं की गई। समिति का कार्यकाल समाप्त होने से दो दिन पहले इस रिपोर्ट को अपनाने के इरादे से जोशी ने कल पीएसी की बैठक बुलाई है।


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