दिल्ली में जंतर-मंतर पर सोमवार को पैरा मिलेट्री फोर्सेस के पूर्व जवानों ने धरना शुरू किया।
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर-मंतर पर सोमवार को पैरा मिलेट्री फोर्सेज के पूर्व जवान और अफसर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। यह धरना तीन दिन चलेगा।
जब एक समान काम तो सुविधाओं में अंतर क्यों
धरना शुरू करते हुए ऑल इंडिया पैरा मिलेट्री फोर्सेज के महासचिव पीएस नायर ने कहा कि हमारे जवान पाकिस्तान बार्डर से लेकर चीन की बार्डर तक तैनात हैं। नक्सलियों के साथ-साथ आतंकियों से लड़ रहे हैं, तो फिर हमें सैनिकों जैसी सुविधाएं क्यों न मिलें। जंतर-मंतर पर ही पूर्व सैनिक भी वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर पिछले 141 दिनों से धरने पर बैठे हैं।
पूर्व सैनिक तर्क से असहमत
ऑल इंडिया एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के चेयरमेन मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि पैरा मिलेट्री फोर्सेज और सेना की जिम्मेदारी में काफी फर्क है। हमारे जवान 35 साल में रिटायर हो जाते हैं और उनके 60 साल में। फिर उन्हें हमारे जैसी सुविधाएं कैसी मिल सकती हैं।
सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन तेज होगा
ऑल इंडिया पैरा मिलेट्री फोर्सेज के अध्यक्ष आरबी पाठक पूर्व सैनिकों के तर्क से सहमत नहीं है। उनका यह भी कहना है कि हमारी फोर्सेज के प्रमुख तो आईपीएस होते हैं और वे हमारे साथ न्याय नहीं कर पाते हैं। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी,सीआईसीएफ और एसएसबी जैसी पैरा मिलेट्री फोर्सेज के 11 लाख जवान सेवा में हैं और करीब 9 लाख रिटायर कर्मी हैं। इनका कहना है कि अगर सरकार ने सांकेतिक धरना से हमारे मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को और बढ़ाया जाएगा।