आरक्षण : हार्दिक पटेल की अगुवाई में वडोदरा में रैली, जानें क्या है पूरा मामला

आरक्षण : हार्दिक पटेल की अगुवाई में वडोदरा में रैली, जानें क्या है पूरा मामला

प्रदर्शन करते पटेल समुदाय के लोग

वडोदरा:

अहमदाबाद में 25 अगस्त को होने वाली बड़ी रैली से पहले शुक्रवार को पटेलों ने वडोदरा में शक्ति प्रदर्शन और रैली कर पटेल आरक्षण की मांग को पटेलों ने दोबारा बुलंद किया। गुजरात में राजनैतिक तौर पर मज़बूत माने जाने वाले पाटीदार समाज ने पिछले करीब डेढ़ महीने से आंदोलन खड़ा किया हुआ है और मांग कर रहे हैं कि पटेलों को भी अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए।

सरकार अब तक उनकी मांग नहीं मान रही है। सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में सरकार के लिए यह संभव नहीं है कि ओबीसी में पटेलों को शामिल किया जाए। अब तक दो राउंड अलग-अलग पटेल नेताओं से सरकार ने बात भी की है और इस बातचीत के लिए मंत्रियों की एक समिति भी बनाई है, लेकिन अब तक बातचीत किसी नतीजे तक पहुंच नहीं पाई है और आंदोलन कर रहे युवा तो सरकार से बातचीत के मू़ड में ही नहीं हैं।

पिछले दो दिन में ही भाजपा के गुजरात के किसान सेल के उप-प्रमुख बेचर भादानी अपने पद से इस्तीफा देकर पाटीदार आंदोलन को अपना समर्थन जता चुके हैं।

वडोदरा की रैली में पटेलों के नए उभर रहे नेता हार्दिक पटेल ने इस आंदोलन के राजनैतिक बनने के संकेत दे दिए। उन्होंने कहा कि अब तक पटेलों ने कई सरकारें बनाई हैं और बिगाड़ी भी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को चेतावनी के सुर में कहा कि अगर पटेलों को अगर आरक्षण नहीं दिया गया तो वह सरकार गिरा भी सकते हैं।

वडोदरा में कई सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स भी आंदोलन से जुड़े हैं। इस बीच अहमदाबाद में पटेलों की 25 अगस्त को होने वाली महारैली से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग भी अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। उन्होंने ओबीसी में पटेलों के शामिल होने का पुरजोर विरोध किया है और 23 अगस्त को वह भी अपनी मांग के समर्थन में रैली निकाल रहे हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि पटेल आरक्षण आंदोलन तेज हो रहा है। ऐसे में उन्हें भी अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी।

पटेल आरक्षण को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। सभी लोग सरकार पर नजर टिकाए हुऐ हैं क्योंकि इससे राज्य के एक बड़े तबके पर असर होने वाला है और अगर पटेल राजनैतिक रूप से मज़बूत हैं तो कोई भी राज्य में ओबीसी को दरकिनार कर सरकार नहीं बना सकता है इसलिए मौजूदा राज्य की भाजपा सरकार इस आंदोलन से पूरी तरह घिरती नजर आ रही है।

गुजरात की आनंदीबेन सरकार को 'हिलाकर' रख दिया 21 साल के इस शख्स ने!

कौन हैं हार्दिक पटेल (हेडर)

  • 22 साल के हैं हार्दिक पटेल
  • अहमदाबाद से बी-कॉम की पढ़ाई की
  • 3 साल पहले शुरू की समाजसेवा
  • पाटीदार आरक्षण समिति बनाई
  • पटेल समुदाय को आरक्षण देने की मांग
  • 6 जुलाई को मेहसाना से अभियान की शुरुआत
  • बड़ी संख्या में पटेल समुदाय साथ जुड़ा
  • एक महीने में 12 ज़िलों का दौरा किया
गुजरात में मौजूदा आरक्षण पर नज़र डालें तो पटेलों को ओबीसी कोटे में आरक्षण मिलने की गुंजाइश कम ही दिखती है।
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गुजरात में आरक्षण

  • आरक्षण की सीमा 49 फ़ीसदी
  • एसटी को 14 फ़ीसदी
  • एससी को 7 फ़ीसदी
  • ओबीसी को 27 फ़ीसदी
  • ओबीसी कोटे में 147 जातियां