सचमुच बड़ी खामियां हैं, आतंकवाद पर कोई नीति ही नहीं : पठानकोट हमले पर संसदीय समिति

सचमुच बड़ी खामियां हैं, आतंकवाद पर कोई नीति ही नहीं : पठानकोट हमले पर संसदीय समिति

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

पठानकोट हमले पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट आ गई है। इसमें सुरक्षा व्यवस्था को लचर बताया गया है। यह भी कहा गया है कि सुरक्षा व्यवस्था अभी भी ठीक नहीं है। समिति ने कहा कि देश में आतंकरोधी गतिविधि में लगे सुरक्षा तंत्र में गंभीर खामी है।

समिति ने कहा कि जांच एजेंसियों को एसपी सलविंदर सिंह से एक बार फिर पूछताछ करनी चाहिए थी, जो नहीं हुई। समिति के प्रमुख प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पठानकोट में सुरक्षा-व्यवस्था खराब थी। एसपी पठानकोट की गतिविधि संदिग्ध थी। उनसे सवाल-जवाब ठीक से नहीं हुए।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की कोई काउंटर टेरर पॉलिसी नहीं है। सटीक जानकारी होने के बावजूद भी पठानकोट पर हमला नहीं रोका जा सका। पंजाब पुलिस की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

समिति ने गृह मंत्रालय को कठघरे में खड़ा करते हुए रिपोर्ट में लिखा है कि

  • बीएसएफ ने बेशक से बॉर्डर में कँटीले तार लगायी हो लेकिन आतंकवादी अंदर घुसने में कामयाब हुए।
  • अलग-अलग एजेंसियों को इतना समय लगा इस नतीजे तक पहुंचने में कि पंजाब पुलिस के एसपी का अपहरण एक मामूली अपराध नहीं था, बल्कि उसका रिश्ता आतंक से था।
  • नार्को टेरर के गैंग जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऑपरेट कर रहे हैं। उन्हें ख़त्म करने की ज़रूरत है।

यही नहीं, एरबेस की सुरक्षा को लेकर भी कई अहम सवाल समिति ने खड़े किए हैं
  • बेस की सुरक्षा में कई ख़ामियां हैं। खासकर चार-दीवारी के आस पास सुरक्षा पुख़्ता नहीं है।
  • बेस के आसपास बहुत जंगली घास है इसका फ़ायदा आतंकवादियों ने उठाया। इसके कारण सुरक्षा कर्मी कॉम्बिंग ठीक से नहीं कर पाए।
  • आम जनता को बेस के अंदर जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए।

31 मेम्बर कमेटी ने सवाल किया कि जब इस हमले को पाकिस्तान की एजिंयों का समर्थन था तो आख़िर क्या वजह रही की सरकार ने पाकिस्तान की JIT को जांच के लिए भारत आने दिया। कमिटी की राय में देश को सुरक्षित बनाने के लिए सभी एजेंसियों को आपस में मिल कर काम करने की ज़रूरत है।

गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीज़ू ने कहा कि "कमेटी ने जो सुझाव दिए है हम उन्हें गम्भीरता से देखेंगे और अमल भी करेंगे।"

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कमेटी को बताया कि समय-समय पर वो वाइटल इन्स्टालेशंस की सुरक्षा का ऑडिट करता रहता है, लेकिन कमेटी इस बात से ख़ुश नहीं दिखी। कहा, मंत्रालय के ज़्यादातर काम काग़ज़ों में सिमटे रहते हैं, ज़मीनी स्तर पर नहीं दिखते इसे बदलने की ज़रूरत है।

पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर सकता है विपक्ष
कहा जा रहा है कि विपक्ष इस मुद्दे के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर सकता है। कारण यह भी है कि पीएम मोदी के करीबी अजित डोभाल इस ऑपरेशन के प्रमुख थे और सीधे तौर पर जुड़े रहे थे। यह रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दल सरकार पर भी हमला कर सकते हैं। वे संसद में इस मसले पर बहस की मांग कर सकते हैं।

बता दें कि सरकार यह कह सकती है कि पहले सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन फिर भी विपक्ष सरकार से और जवाब की मांग कर सकता है।

2 जनवरी को हुआ था आतंकी हमला
भारत ने इसी वर्ष 2 जनवरी को पठानकोट के एयरफोर्स बेस में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए सबूत एकत्र करने अपनी एक जांच टीम को पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। इस आतंकी हमले में सेना के सात जवान शहीद हुए थे।

आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद मास्टरमाइंड : भारत
भारत ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। आतंकियों ने सीमा पार करके पंजाब में प्रवेश किया था और फिर दो कारों से एयरबेस पहुंचे थे। इन दो कारों में से एक टैक्सी ड्राइवर से और दूसरी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से छीनी गई थी। भारत का कहना है कि जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर इस हमले का मास्टरमाइंड था।

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