यह ख़बर 07 दिसंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना के बयान पर पवार ने जताई कड़ी आपत्ति

खास बातें

  • पवार ने कहा कि अन्ना को मेरे बारे में जो बोलना है, बोलते रहें, लेकिन दुबारा मुझ पर हमला हुआ, तो यह साफ होगा कि इसका उकसावा किधर से है।
New Delhi:

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने हाल ही में राजनीतिज्ञों पर हुए शारीरिक हमले को वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा जायज ठहराने पर बुधवार को उन पर निशाना साधा। इसके साथ ही पवार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से हिंसा से दूर रहने की अपील की। पवार ने एक बयान में कहा कि अन्ना हजारे ने मंगलवार को अपने ब्लॉग पर जो अपमानजनक बातें कहीं, उससे वह दुखी हैं। साथ ही वह अपने प्रशंसकों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे कि वे किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न होते हुए इस मुद्दे से 'परिपक्वता' से निपटेंगे। अन्ना हजारे के गांधीवादी और अहिंसा का समर्थक होने के दावों का हवाला देते हुए पवार ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "एक सार्वजनिक समारोह में मुझ पर हुए शारीरिक हमले का समर्थन कर हजारे ने 'गांधीवाद और अहिंसा' के विचार को एक नई परिभाषा दी है। पवार ने जोर देकर कहा कि अन्ना हजारे द्वारा उन पर अथवा उनके कृत्यों पर अपना विचार जाहिर किए जाने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझ पर यदि फिर से कोई शारीरिक हमला होता है तो यह पूरी तरह से साफ होगा कि ऐसा कृत्य करने के लिए कहां से उकसाया अथवा प्रोत्साहित किया गया।" ज्ञात हो कि हजारे ने अपने ब्लॉग पर आरोप लगाया कि भ्रष्ट लोगों को सुरक्षा प्रदान करना पवार की पुरानी आदत है और उन पर हमला क्यों हुआ, इस पर विचार किया जाना चाहिए। इस आरोप के बावजूद पवार ने अपने प्रशंसकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं से किसी तरह की हिंसा का सहारा न लेने की अपील की। सामाजिक कार्यकर्ता के आरोप है कि न्यायमूर्ति पी.बी. सावंत आयोग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दिया, खारिज करते हुए पवार ने कहा कि जांच रिपोर्ट में उनका प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से हवाला नहीं दिया गया है। पवार ने कहा कि जांच में दोषी पाए गए सभी मंत्रियों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com