जम्मू:
पीडीपी ने आज बताया कि वह जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के साथ 'ट्रैक टू' वार्ता कर रही है। पार्टी ने अपनी कई शर्तें गिनाई और कहा कि अफस्पा को समयबद्ध तरीके से वापस करने से कई 'मुख्य' मुद्दों पर कोई 'समझौता नहीं' होगा।
पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि अगर 'ट्रैक टू' वार्ता सही दिशा में चलती है, तो दोनों दल न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करेंगे और फिर संगठित तरीके से वार्ता होगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 'सत्ता के भूखे' नहीं है और राज्य को 'दलदल' से बाहर निकालना चाहते हैं।
सईद के करीबी सहयोगी और विधायक हसीब ड्राबू की कल शाम राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात के परिपेक्ष्य में उनका बयान आया है। सरकार बनाने के प्रयासों में प्रगति के बारे में सूचना देने के लिए यह बैठक हुई। पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए सईद ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर बीजेपी के साथ ट्रैक टू वार्ता चल रही है।' उन्होंने कहा, 'ट्रैक टू वार्ता के सही दिशा में जाने पर एक संगठित वार्ता या न्यूतनम साझा कार्यक्रम बनाने के लिए ‘ट्रैक एक’ वार्ता होगी।'
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि 25 सीटों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर रही।
ऐसे कयास हैं कि राज्य में सरकार बनाने के लिए दोनों दल पिछले दरवाजे से वार्ता कर रहे हैं, जहां फिलहाल राज्यपाल का शासन लगा हुआ है। दोनों दल उन मुद्दों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं जिन पर सहमति नहीं बन पा रही है। साथ ही सईद ने उन शर्तों एवं मांगों को गिनाया जो वह भाजपा के साथ चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 'पीडीपी की शर्तें हैं और हम अपने मुख्य मुद्दों से पीछे नहीं हटेंगे जिनमें सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को समयबद्ध तरीके से वापस लेना और पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करना शामिल है।' कहा जा रहा है कि अफस्पा वार्ता की सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि इस पर बीजेपी का रुख पीडीपी के उलट है।
उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी चाहती है कि मुख्यमंत्री कोई मुस्लिम बने, क्योंकि राज्य में मुस्लिमों का बहुमत है जिसका बीजेपी को सम्मान करना चाहिए।