यह ख़बर 23 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नए सेनाप्रमुख की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका खारिज

खास बातें

  • केंद्र द्वारा बिक्रम सिंह की अगले सेनाप्रमुख के पद पर नियुक्ति संबंधी फाइल पेश किए जाने के बाद कोर्ट ने उस पर विचार किया और कहा कि सरकार ने नियुक्ति को मंजूरी देने के पहले उन पर लगे सभी आरोपों पर गौर किया था।
नई दिल्ली:

लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह को नया सेनाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उसे याचिका पर सुनवाई करने का कोई तर्कसंगत आधार नहीं मिला।

केंद्र द्वारा जनरल सिंह की अगले सेनाप्रमुख के पद पर नियुक्ति संबंधी फाइल पेश किए जाने के बाद न्यायालय ने उस पर विचार किया और कहा कि सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल सिंह की नियुक्ति को मंजूरी देने के पहले उन पर लगे सभी आरोपों पर गौर किया था।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा उल्लिखित मुठभेड़ पर सवाल करते हुए कहा कि जिस मुठभेड़ में एक सेना अधिकारी और एक जवान मारे गए, और खुद बिक्रम सिंह घायल हो गए थे, उसे किस आधार पर फर्जी बताया जा रहा है। न्यायालय ने हालांकि कहा कि याचिका खारिज किए जाने से लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के खिलाफ लंबित कार्यवाहियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

इससे पहले, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति से जुड़ी जानकारी तलब की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका की बंद कमरे में सुनवाई करने से इनकार कर दिया और यह भी स्पष्ट किया कि वह निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के उम्र संबंधी विवाद पर कोर्ट फिर से विचार नहीं करेगा। केंद्र ने इस जनहित याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका गलत इरादे से तथा आयु संबंधी विवाद फिर से खड़ा करने के लिए दाखिल की गई।

यह पीआईएल कई रिटायर्ड सेना अधिकारियों और नौकरशाहों ने मिलकर दाखिल की। इसमें आरोप लगाया गया कि बिक्रम सिंह मार्च, 2001 में जम्मू-कश्मीर में हुए फर्जी एनकाउंटर में शामिल थे। साथ ही उन पर यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने 2008 में संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान के दौरान गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की थी, जबकि ये अधिकारी उन्हीं के अधीनस्थ काम करते थे।

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लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह अभी भारतीय सेना में पूर्वी कमान के कमांडर हैं और वह जनरल वीके सिंह के रिटायर होने के बाद सेनाध्यक्ष का पद संभालेंगे। कैबिनेट कमेटी उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दिखा चुकी है और 2 मार्च को ही उनके नाम की घोषणा कर दी गई थी। 59 साल के बिक्रम सिंह भारतीय सेना की कमान 31 मई को संभालेंगे और उनका कार्यकाल अगस्त, 2014 तक रहेगा। 1972 में सिख लाइट इंफ्रेंट्री से अपने करियर की शुरुआत करने वाले बिक्रम सिंह ने 40 सालों की अपनी सर्विस में कई अहम पदों पर काम किया है।