यह ख़बर 17 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

नीतीश की राय से ही तय होगा पीएम प्रत्याशी : गडकरी

खास बातें

  • बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एनडीए में कोई दरार नहीं है और इस पर फैसला नीतीश कुमार की राय से ही किया जाएगा।
नई दिल्ली:

बीजेपी ने दावा किया है कि 2014 के संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में कोई दरार नहीं है और कहा कि इस बारे में फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय के बाद ही किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पद पर दावेदारी के खिलाफ माना जाता है।

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर एनडीए में बढ़ते मतभेद से साफ इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार से वादा किया है कि इस बारे में फैसला किए जाने से पहले उनकी राय ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि मोदी के मुद्दे पर नीतीश से विस्तार से चर्चा की गई है और उचित समय आने पर ही एनडीए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला करेगा। गडकरी ने नीतीश- मोदी टकराव, लालकृष्ण आडवाणी के विवादित बयानों और सवालों के घेरे में आए उनके द्वारा पार्टी के संचालन पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी।

गडकरी ने कहा, आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और मुरली मनोहर जोशी सहित मोदी प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के छह उम्मीदवारों में से एक हैं। अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने इन खबरों का खंडन किया कि गुजरात चुनावों के बाद मोदी को एनडीए की राष्ट्रीय प्रचार समिति के अध्यक्ष के तौर पर पेश किया जाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री पद को लेकर आडवाणी, नीतीश की पसंद हैं, उन्होंने कहा, मुझे नहीं मालूम कि आडवाणी को लेकर नीतीश के मन में क्या है। उन्होंने मुझसे किसी नाम का जिक्र नहीं किया है। गडकरी ने आडवाणी को अपना दार्शनिक और मार्गदर्शक बताया, लेकिन उनके इस पूर्वानुमान को खारिज किया कि 2014 में गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपाई प्रधानमंत्री बनेगा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

उन्होंने कहा, एनडीए 2014 में सरकार बनाएगा और बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री बनेगा। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर अगले चुनाव में बीजेपी 170 सीटों से अधिक सीटें जीतती है, तो एनडीए के सभी सहयोगी वापस आ जाएंगे।