यह ख़बर 27 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

देशमुख ने अन्ना हजारे को सौंपा प्रधानमंत्री का पत्र

खास बातें

  • रामलीला मैदान के मंच पर अन्ना और उनके सहयोगी केजरीवाल के साथ मौजूद देशमुख ने प्रधानमंत्री का पत्र मौजूद हजारों समर्थकों को पढ़कर सुनाया।
नई दिल्ली:

संसद के दोनों सदनों में शनिवार को लोकपाल मुद्दे पर अन्ना हजारे की मांगों के अनुरूप लाए गए प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सांसद संदीप दीक्षित और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार रामलीला मैदान पहुंचे और उन्होंने 12 दिनों से अनशन पर बैठे गांधीवादी अन्ना हजारे को पत्र सौंपा। रामलीला मैदान के मंच पर अन्ना हजारे और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल के साथ मौजूद विलासराव देशमुख ने प्रधानमंत्री का पत्र वहां मौजूद हजारों समर्थकों को पढ़कर सुनाया। देशमुख के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा, "प्रिय, अन्ना हजारेजी आपने जो मुझे 26 अगस्त 2011 को पत्र लिखा उसके लिए धन्यवाद। आपने प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए जिन तीन बिंदुओं पर संसद में प्रस्ताव पारित कराने की बात कही थी। उन तीनों बिंदुओं पर संसद के दोनों सदनों में प्रस्ताव पारित किया गया है। संसद तीन बिंदुओं पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है।" प्रधानमंत्री के अनुसार, "सहमति के तीन बिंदुओं में पहली नागरिक संहिता तैयार कराना, दूसरा उपयुक्त तंत्र के जरिए निचली नौकरशाही को लोकपाल के दायरे में लाना और तीसरा राज्यों में लोकायुक्त की स्थापना शामिल है। संसद में आज (शनिवार) जो कार्यवाही हुई है उसे स्थायी समिति को भेजा जाएगा ताकि वह प्रस्ताव को देखते हुए विधेयक का पुनरीक्षण कर सके।" उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि संसद का प्रस्ताव देखते हुए आप अविलम्ब अपना अनशन समाप्त कर देंगे। हम सभी आपके अच्छे स्वास्थ्य एवं लम्बे जीवन की कामना करते हैं।"


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