खास बातें
- सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री देश की जनता को हाल में लिए गए कड़े आर्थिक फैसलों पर अपनी स्थिति से अवगत कराना चाहते हैं। इस बीच सरकार ने रिटेल में एफडीआई पर अधिसूचना जारी कर दी है।
नई दिल्ली: शुक्रवार को जब तृणमूल कांग्रेस केंद्र की यूपीए सरकार से समर्थन वापसी के लिए राष्ट्रपति से मिलेगी उसी दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित कर सकते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री देश की जनता को हाल में लिए गए कड़े आर्थिक फैसलों पर अपनी स्थिति से अवगत कराना चाहते हैं।
इस बीच, केंद्र सरकार ने अपने कैबिनेट के फैसले को प्रभावी बनाने की पहल करते हुए गुरुवार को खुदरा कारोबार, उड्डयन, प्रसारण एवं बिजली के आदान-प्रदान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लागू करने संबंधी औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी।
सरकार ने पिछले सप्ताह अर्थव्यवस्था में सुधार के उपायों की घोषणा के बीच बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार के क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने का फैसला लिया था जिसके विरोध में गुरुवार को विपक्षी दलों ने देशव्यापी बंद का आयोजन किया। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा था कि राज्य सरकारों यह विशेषाधिकार है कि वह इस नीति को लागू करने या न करे।
ज्ञात हो कि हाल में केंद्र सरकार ने डीजल के दाम, एलपीजी सिलेंडरों की राशनिंग और खुदरा व्यापार में विदेश निवेश की इजाजत दी है। केंद्र के इन कड़े फैसलों के बाद तृणमूल कांग्रेस ने सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया है। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने यह घोषणा कर दी है कि शुक्रवार को केंद्र सरकार में शामिल उसके सभी मंत्री इस्तीफा दे देंगे। इसी के साथ वे राष्ट्रपति से मिलकर पार्टी के समर्थन वापसी की औपचारिक घोषणा भी कर देंगे।
कहा जा रहा है कि कड़े आर्थिक हालात में पीएम ने हाल के फैसले स्वयं लिए हैं और उनके तर्कों कांग्रेस पार्टी के साथ तमाम अन्य सहयोगी दल भी सहमत हैं। बता दें कि मंगलवार को जब ममता बनर्जी ने अपने समर्थन वापसी की घोषणा की थी तब भी पीएम ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से कड़े आर्थिक फैसलों पर अडिग रहने के लिए कहा था।