यह ख़बर 22 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

संसद की कार्यवाही बाधित करने पर सोनिया, मनमोहन का भाजपा पर निशाना

खास बातें

  • सोनिया गांधी ने कहा, मैं मुख्य विपक्षी दल द्वारा संसद की कार्यवाही बाधित करने के तरीके पर अपनी गहन निराशा की भावना को छिपा नहीं सकती। उन्होंने कहा, हम इस बात से निराश हैं कि इस अड़चन डालने वाले रवैये के कारण हम महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं करा सके।
नई दिल्ली:

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद की कार्यवाही बाधित करने और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं होने देने पर बुधवार को मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधा।

सोनिया गांधी ने संप्रग-2 सरकार की चौथी वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं मुख्य विपक्षी दल द्वारा संसद की कार्यवाही बाधित करने के तरीके पर अपनी गहन निराशा की भावना को छिपा नहीं सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात से निराश हैं कि इस अड़चन डालने वाले रवैये (भाजपा के) कारण हम महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं करा सके।’’

सोनिया ने राजग और अन्य विपक्षी दलों से एक साथ आने और खाद्य सुरक्षा विधेयक तथा भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे दलगत राजनीति से हटकर हैं और लाखों लोगों की जिंदगी से जुड़े हैं। यह सरकार बनाम विपक्ष का सवाल नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बारे में सतर्क रहने की जरूरत है कि कुछ तबकों की ओर से जानबूझकर दुष्प्रचार करने और असत्य को फैलाने के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुकाबला करने के लिए उनके प्रति सावधान रहने की जरूरत है।

सोनिया ने कहा कि विपक्ष ने लगातार प्रधानमंत्री का विरोध किया और उनकी निंदा की लेकिन ‘‘हम उनका सम्मान करते हैं और उनके साथ खड़े हैं।’’

सत्तारूढ़ संप्रग गठबंधन और इसके चार साल के कार्यकाल पर भाजपा के हमलों के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आप एक गैर-परिणामोन्मुखी विपक्ष से और क्या अपेक्षा कर सकते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कई बार सुनियोजित आलोचना हुई। कई बार हमें रास्ते से हटाने की कोशिश की गई।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार का मजबूती से बचाव करते हुए संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार हम सभी को परेशान करता है और इस मामले में हमारा रवैया समझौता नहीं करने वाला है।

सोनिया ने पार्टीजनों से विपक्ष के अभियान का मुकाबला करने का आह्वान करते हुए कहा कि विपक्ष के अभियान का मकसद सरकार के कामकाज को दिग्भ्रमित करना, उसका मनोबल गिराना और बाधित करने का है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। हमें इस बारे में रक्षात्मक महसूस करने की जरूरत नहीं है।’’ समारोह में संप्रग के घटक दलों और इसे बाहर से समर्थन दे रहे दलों के नेताओं में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, रालोद के अजित सिंह, आईयूएमएल नेता ई अहमद, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान शामिल रहे।

सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव समारोह में शामिल नहीं हुए वहीं बसपा की ओर से वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा तथा ब्रजेश पाठक ने शिरकत की।

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बसपा नेता रात्रिभोज के लिए सोनिया गांधी, फारुख अब्दुल्ला, पवार और राहुल गांधी के साथ ही बैठे थे।