हमने 'वन रैंक वन पेंशन' का वादा किया था और इसे निभाया : फरीदाबाद की रैली में पीएम मोदी

हमने 'वन रैंक वन पेंशन' का वादा किया था और इसे निभाया : फरीदाबाद की रैली में पीएम मोदी

फरीदाबाद:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-फरीदाबाद मेट्रो रेल लाइन का उद्घाटन करने के बाद 'गति-प्रगति' रैली को संबोधित करते हुए वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर कहा कि हमने पूर्व सैनिकों से जो वादा किया था, उसे निभाया है।

पीएम ने कहा कि वीआरएस के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ऐसे जवान जो मोर्चे पर गंभीर रूप विकलांग होने के कारण सेना छोड़ देते हैं, उनको भी इसका लाभ मिलेगा, हम उनको कैसे छोड़ सकते हैं। देश की सेना से प्यार करने वाला प्रधानमंत्री ऐसा कर नहीं कर सकता, जवानों के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं है।

हालांकि उन्होंने इस योजना के लागू होने में देरी के लिए यूपीए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया। पीएम ने कहा कि पहले की सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के लिए 500 करोड़ रुपये तय किए थे, लेकिन जब हमने इसकी समीक्षा की तो इस पर 10,000 करोड़ रुपये का बजट आया।

पीएम ने कहा, सेना में जवान 15-17 साल की सेवा के बाद रिटायर हो जाते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें ओआरओपी नहीं मिलेगा। वे आपको वीआरएस का नाम लेकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, लेकिन अगर किसी को ओआरओपी पहले मिलेगा तो वो जवान हैं...जो घायल हुए हैं, जिनको अनिवार्य रूप से सेना छोड़नी पडत़ी है, उनको ओआरओपी मिलेगा। और जो प्रधानमंत्री सेना से प्रेम करता है, वो ऐसे लोगों को ओआरओपी के लाभ से वंचित करने के बारे में सोच भी नहीं सकता।

सेना में करीब 85 फीसदी भागीदारी जवानों के होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों को 15-17 साल की सेवा के बाद अनिवार्य रूप से रिटायर होना पड़ता है, उनको इस फैसले का सबसे अधिक फायदा होगा। उन्होंने कहा, भ्रमित होने की कोई जरूरत नहीं है।

आयोग गठित किए जाने के प्रस्ताव का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सैन्य बलों को इस मुद्दे पर गुमराह नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह कोई वेतन आयोग नहीं है। अगर कोई कमी रह गई है, तो यह आयोग उसका निवारण करने और यह देखने के लिए भी है कि क्या किसी छोटे-मोटे बदलाव की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश राजनीति से नहीं, राष्ट्रनीति से आगे बढ़ता है... देश विवादों से नहीं, संवाद से आगे बढ़ता है। पीएम ने कहा कि हमारी एकमात्र मंजिल विकास है। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर 2022 तक हर गरीब को घर देने की बात दोहराई।

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प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य अंश -

  • हरियाणा मेरा दूसरा घर है
  • गुजरात छोड़ने के बाद मैंने वर्षों तक हरियाणा में अपना जीवन बिताया
  • आपके प्यार को कभी नहीं भूल सकता, इसी वजह से मैं बार-बार खिंचा चला आता हूं
  • देश विवादों से आगे नहीं बढ़ता, संवाद से आगे बढ़ता है
  • विकास सभी समस्याओं को हल करने की जड़ी-बूटी है
  • हम सिर्फ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं
  • हम एक ही बिंदु पर काम कर रहे हैं, हमारा एक ही मकसद है, एक ही मार्ग है और वह है विकास
  • अच्छा होता कि सारे काम पिछले 60 सालों में पूरे हो जाते
  • जो कमी रही उसके लिए सिर्फ टीका-टिप्पणी करना वाजिब नहीं
  • विकास के नए-नए उपाय खोजें और देश को आगे बढ़ाएं
  • इतनी बड़ी आर्थिक मंदी के बीच अगर कोई देश खड़ा रहा, तो वह है हिंदुस्तान
  • पिछले 15 महीने में हमने जो रास्ता अपनाया उसका यह असर है
  • विकास के लिए हमें इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारना होगा
  • 2022 तक हर गरीब को घर का लक्ष्य, ऐसे घर जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हों
  • मेट्रो यहां से लौट नहीं जाएगी, बल्लभगढ़ के लिए काम शुरू हो जाएगा
  • ग्लोबल वॉर्मिंग को देखते हुए हमारी मेट्रो ग्रीन रेलवे स्टेशन का अभियान चला रही है
  • हरियाणा आज बेटी बचाने के लिए जाना जाता है
  • शहरों में हरियाली नहीं बची है, हम शहरों का चेहरा बदलना चाहते हैं
  • चार दशक तक वन रैंक वन पेंशन पर फैसला नहीं हो सका
  • पीएम उम्मीदवार बनने के बाद मैंने रेवाड़ी की रैली में पूर्व सैनिकों के बीच वन रैंक वन पेंशन का वादा किया था
  • हमने वादा किया था और हम इसे निभा रहे हैं
  • जवानों के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं
  • इस पर पिछली सरकार का बजट 500 करोड़ था, हमने इसे 10 हजार करोड़ किया
  • वीआरएस के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है
  • ऐसे जवान जो मोर्चे पर गंभीर रूप से विकलांग होने के कारण सेना छोड़ देते हैं, उनको भी इसका लाभ मिलेगा, हम उनको कैसे छोड़ सकते हैं