पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं को प्रौद्योगिकी सम्पन्न और जनप्रतिनिधि के तौर पर और प्रभावी बनना चाहिए क्योंकि केवल व्यवस्था में बदलाव से काम नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री हालांकि महिला आरक्षण विधेयक पर कुछ नहीं बोले, जिसकी शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पुरजोर वकालत की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें महिला विकास से आगे बढ़कर सोचना चाहिए और महिला-नीत विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, 'आपको स्वयं को प्रभावशाली बनाना होगा। आपको मुद्दों को तथ्यों और आंकड़ों के साथ पेश करना होगा। केवल व्यवस्था में बदलाव से काम नहीं चलेगा। ढांचे में कुछ बदलाव होते रहते हैं, एक नेतृत्व के तौर पर स्थापित करने के लिए आपको विषयों की जानकारी होनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'जन प्रतिनिधि के तौर पर स्वतंत्र छवि बनाने का प्रयास करें। आप अपने क्षेत्र में अपनी छवि बनाएं। एक बार आपकी छवि, आपके काम करने का तरीका स्थापित होगा तो यह लम्बे समय तक बना रहेगा।'
पीएम मोदी के संबोधन के मुख्य अंश :
- तकनीक किसी व्यक्ति की जिन्दगी में बड़ा रोल निभाती है। मैं सोचता हूं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं तकनीक को ज्यादा सक्षम तरीके से अपना पाती हैं।
- तकनीक महिलाओं के लिए कोई नई चीज नहीं है लेकिन इस पर जोर देना जरूरी है कि तकनीक का प्रयोग संवाद और कनेक्टिविटी में कैसे किया जाए।
- राष्ट्र नागरिकों से मजबूत होता है और नागरिक मांओं से मजबूत होते हैं। महिलाएं राष्ट्र के निर्माण में पीढ़ियों से योगदान दे रही हैं।
- क्या हम महिलाओं को सशक्त करने के लिए ई-प्लेटफॉर्म नहीं बना सकते?
- यह जरूरी नहीं कि संसद में हरेक को सबकुछ पता हो लेकिन जिसमें रुचि है उसके बारे में पता होना चाहिए।
- जो सशक्त हैं, उनका सशक्तीकरण कौन करेगा। पुरुष होते कौन हैं जो सशक्त करेंगे?
- नहीं जानता कि किसी ने कोई सर्वे किया है या नहीं, लेकिन सफल महिलाओं का प्रतिशत सफल पुरुषों की तुलना में अधिक होगा।
- जब मल्टी-टास्किंग की बात आती है तो कोई भी महिलाओं की बराबरी नहीं कर सकता। ऐसी होती है महिलाओं की ताकत। हमें इस पर गर्व जरूर होना चाहिए।
- महिलाओं के पास बेमिसाल शक्ति होती है। शक्ति उन्हें ईश्वरप्रदत्त होती है।
- महिला नेतृत्व ने बड़े परिवर्तन किए।
(इनपुट भाषा से)