यह ख़बर 25 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए 'मेक इन इंडिया', 'डिजिटल इंडिया' को इस्तेमाल करना चाहते हैं मोदी

मुंबई:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवजात शिशुओं और मातृ मृत्यु दर को गहरी चिंता का विषय बताते हुए आज कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य सेवा को सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए अपने 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' अभियानों का इस्तेमाल प्रभावी तरीके से करना चाहती है।

मोदी ने सफाई और स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि एहतियाती देखभाल समग्र स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण घटक है और साथ ही यह बहुत सस्ती है।

उन्होंने कहा, 'अपने देश की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की तुलना विदेश में उपलब्ध सेवाओं से करना शर्मिंदगी वाला होगा। नवजात शिशुओं की मृत्यु बेहद चिंता का विषय है। साथ ही मातृ मृत्यु दर भी।'

उन्होंने नवीनीकृत और आंशिक तौर पर नवनिर्मित एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद कहा, 'जब कोई बच्चा बोरवेल में गिर जाता है, परिवार टेलीविजन के सामने बैठ जाते हैं और मीडिया आखों देखा हाल बताता है, जबकि सभी जगह निराशा का महौल होता है, लेकिन हमें शायद ही पता हो कि सैकड़ों बच्चे जन्म लेने के कुछ ही समय बाद दम तोड़ देते हैं। कई बार मां और बच्चे दोनों की मौत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलने के चलते हो जाती है।'

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मोदी ने कहा कि वह सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' पहलों का इस्तेमाल प्रभावी साधन के तौर पर करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी एवं रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी, बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर शामिल थे।