यह ख़बर 16 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ब्रिक्स सम्मेलन : रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

फोर्तालेजा:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के साथ रक्षा एवं उर्जा क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने की पैरवी की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आगामी दिसंबर में होने वाली उनकी भारत यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।

मोदी और पुतिन ने यहां ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर बीती रात 40 मिनट तक मुलाकात की। इससे पहले दोनों नेताओं की सोमवार की मुलाकात टाल दी गई थी, क्योंकि पुतिन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में व्यस्त थे।

इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने मोदी को आम चुनाव में मिली भारी जीत पर बधाई दी।

साल 2001 में मॉस्को में पुतिन से मुलाकात करने वाले मोदी ने कहा कि रूस के साथ हमारा रिश्ता हर कसौटी पर परखा हुआ है तथा उन्होंने इस बात की सराहना की कि दोनों देशों के बीच आजादी के पहले से मधुर संबंध हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने हिन्दी में बोलते हुए कहा, अगर भारत में किसी बच्चे से पूछा जाए कि भारत का सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो उसका जवाब रूस होगा क्योंकि संकट के समय रूस हमेशा भारत के साथ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस रिश्ते को आगे ले जाने को प्रतिबद्ध है और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क के साथ परमाणु, रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर जोर रहने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच उदार वीजा प्रणाली की जरूरत है और खासकर पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के संदर्भ में वीजा नीति उदार होनी चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन ने स्वीकार किया कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।

मोदी ने सुझाव दिया कि इस साल दिसंबर में होने जा रहे वार्षिक शिखर बैठक संवाद के लिए भारत पहुंचने पर पुतिन को दिल्ली से बाहर जाना चाहिए और परमाणु निर्माण स्थल का दौरा करना चाहिए। उनका इशारा कुडनकुलम-2 संयंत्र की ओर था।

प्रधानमंत्री के इस सुझाव पर पुतिन ने जवाब दिया, यह एक अच्छा विचार है। मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर रूस के आस्त्राकान क्षेत्र के अपने दौरे को याद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस दौरे पर ऐसा लगा कि वह भारत में हैं।

पुतिन ने कहा कि रूस भारत के साथ अपने रिश्ते को रणनीतिक रूपरेखा में काफी ऊपर रखता है। परमाणु ऊर्जा परियोजना भारत-रूस संबंधों का प्रतीक रही है।

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मोदी ने ब्रिक्स शिखर बैठक में पुतिन के भाषण की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों में सुधार जैसे मुद्दों का स्पष्ट उल्लेख था।