यह ख़बर 22 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पीएम मोदी, क्या काला धन वापस लाने के लिए हम ऊंट का इंतजाम करें : लालू यादव

नई दिल्ली:

बीजेपी सरकार से मुक़ाबला करने के लिए एक हुए पुराने जनता दल के नेताओं ने आज एक रैली की। दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाली इस रैली में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जेडीयू के नीतीश कुमार और शरद यादव के अलावा एचडी देवेगौड़ा भी हिस्सा लिया।

इस रैली में तमाम नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही कालाधन के मुद्दे पर सरकार को घेरा और धर्मांतरण को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि मोदी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनी तो कोई देश भारत को आंख नहीं दिखा सकता, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में रोज हमले हो रहे हैं और उधर चीन 70 किलोमीटर तक भारत में घुस आया और ठीक उसी वक्त मोदी चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूल रहे थे।

लालू ने स्वयंभू संत आसाराम बापू से भाजपा व आरएसएस के करीबी संबंध होने का आरोप भी लगाया और सवाल उठाया कि कालाधन वापस लाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव ने इसी जंतर मंतर पर धरना दिया था, अब वह चुप क्यों हैं?  

इसके साथ ही उन्होंने काले धन के मुद्दे पर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, हम काले धन की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। हम कुछ और महीने इंतजार कर सकते हैं। अगर आप इसे वापस लाने के लिए हवाई जहाज की व्यवस्था नहीं कर सकते, तो हम ऊंट का इंतजाम कर कर सकते हैं।'

लालू ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण देने की शैली की नकल कर लोगों को हंसाया और कहा, 'मोदी जब बनारस गए तो कहा, मैं खुद नहीं आया हूं, बल्कि मुझे गंगा मां ने बुलाया है। किसी को गंगा कब बुलाती हैं, यह आप सब जानते ही हैं।'

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हजारों लोगों को संबोधित करने से पहले उन्हें मोदी के चुनावी भाषणों की रिकार्डिग सुनाई। उसके बाद पूछा, 'इस आवाज को पहचान रहे हैं न आप? क्या आप लोगों के खाते में 15-20 लाख रुपये आ गए? पैसे चेक से मिले या सीधे खाते में आ गए?'

उन्होंने सवाल उठाया, 'राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार चुनाव पूर्व किए वादे पूरे करने में आखिर क्यों विफल है? कालाधन विदेश से वापस लाने का जो वादा किया गया था, वह कहां है?'

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ईसाइयों और मुस्लिमों का जबरन धर्मातरण कराने वाले दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। नीतीश ने कहा कि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होने दिया जाएगा।

वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने कहा, 'धर्मातरण भाजपा की साजिश है, वह दंगे कराना चाहती है ताकि सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटा रहे।'

उन्होंने कहा, 'मोदी ने सभी बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और विदेशों से कालाधन वापस लाकर हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किया था। यहां तक कि लोगों से कहा कि आप सभी बैंक खाते खुलवा लें, बहुत सारे लोगों ने खुलवा भी लिए, मगर पैसा कहां गया?'

महाधरना में पहुंचे लोगों को जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव, जेडी (एस) प्रमुख एच.डी. देवगौड़ा और इनेलो नेता दुष्यंत चौटाला सहित कई अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

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पांचों दलों ने देश में बनाए जा रहे सांप्रदायिक माहौल के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया।

वहीं जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के मुताबिक, ये रैली पुराने जनता दल के नेताओं की एकता का प्रमाण है और इस रैली के ज़रिये वे बीजेपी सरकार की हक़ीक़त को जनता के सामने लाएंगे।

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा, अब दिल्ली पर कब्जा करना है, अब हम बिहार-यूपी तक नहीं रहेंगे। दिल्ली आएंगे, गरीबों, किसानों और आम जनता को उसका हक दिलाएंगे।

सपा के नेता रामगोपाल यादव ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार ने काला धन, किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य और पांच करोड़ को रोजगार का वादा किया था, लेकिन तीनों वादों पर सरकार आगे नहीं बढ़ पा रही है। चुनावों के दौरान पीएम ने लोकलुभावन वादे किए थे। कालाधन, किसानों की फसल की लागत का डेढ़ गुना देंगे, करोड़ों लोगों को रोजगार देंगे, लेकिन उल्टे सरकार पर आरएसएस और अन्य सहयोगी दलों का दबाव आ गया है। ये लोग देश में विघटन पैदा करने का काम कर रहे हैं।

वैंकेया नायडू ने इस मोर्चेबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये नेता संसद के अंदर मुद्दों पर चर्चा करने को क्यों तैयार नहीं हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)