अपने 'शानदार' कपड़ों पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मेरे कपड़े डिजाइनर नहीं बनाते

अपने 'शानदार' कपड़ों पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मेरे कपड़े डिजाइनर नहीं बनाते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनके कपड़े डिजाइनर नहीं बनाते। वह चाहते हैं कि उनके कपड़े 'सामान्य और सहज' दिखें।

शिक्षक दिवस के पूर्व मौके पर मानेकशॉ केंद्र में मोदी ने विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान यह बात कही। एक विद्यार्थी ने उनकी फैशन की समझ और इसके पीछे के शख्स के बारे में सवाल पूछा था। जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं मालूम कि लोगों को ऐसा क्यों लगता है कि मेरा कोई फैशन डिजाइनर है जो मुझे एक खास तरह की स्टाइल देता है। मैं सहज और सामान्य दिखने वाले कपड़े पहनता हूं।"

प्रधानमंत्री और विद्यार्थियों के बीच के संवाद का प्रसारण देश के कई विद्यालयों में किया गया। विद्यालयों में इसके लिए बड़े पर्दे लगाए गए थे।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अपने बचपन की बात बताई। उन्होंने बताया कि कैसे पूरी बांह वाले कुर्ते को उन्होंने आधी बांह के कुर्ते में बदल दिया था।

मोदी ने कहा, "मैं अपने कपड़े खुद धुलता था। पूरी बांह वाला कुर्ता धुलने में अधिक समय लगता था। इसलिए मैंने उसे आधी बांह का कर दिया। इससे मेरा काम आसान हो गया। उसके बाद तो मैं आधी बांह के कपड़े पहनने लगा।"

उन्होंने कहा कि गुजरात के मौसम में आधी बांह का कुर्ता उन्हें ठंडा रखता था और इसे कहीं ले जाना भी आसान होता था।

मोदी ने कहा कि उन्हें अच्छे तरीके से कपड़ा पहनना हमेशा से अच्छा लगता रहा है। वह एक गरीब परिवार के थे। कपड़ा इस्त्री कराने के लिए पैसे नहीं होते थे। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने लोटे को ही इस्त्री बना दिया। लोटे में गर्म कोयला डालकर वह उसी से कपड़े पर इस्त्री कर लिया करते थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि जैसा मौका हो, उस हिसाब से और अच्छे ढंग से कपड़े पहनने चाहिए।

उन्होंने बताया कि किस तरह वह अपने कैनवास के जूतों को सफेदी से चमकाया करते थे। उन्होंने कहा, "कक्षा में शिक्षकों के इस्तेमाल के बाद चाक के टुकड़े बच जाते थे। मैं उन्हीं को उठाकर ले आता था और उन्हीं से जूतों को सफेद किया करता था।"

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यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों से बात की। बीते साल भी वह विद्यार्थियों से मुखातिब हुए थे।