डॉ अंबेडकर ने सारा जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़कर गए : लोकसभा में पीएम मोदी

डॉ अंबेडकर ने सारा जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़कर गए : लोकसभा में पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्‍ली:

संविधान पर लोकसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के मुख्य अंश-

  • संविधान की चर्चा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि संविधान पर संसद में उत्‍तम विचार रखे गए।
  • सदन ने जो रूचि दिखाई वो सराहनीय है।
  • देश के सब जनप्रतिनिधि हैं। इस चर्चा का मूल उद्देश्‍य भी वही था।
  • चर्चा की भावना 'मैं' नहीं, 'हम' है, पूरा सदन है।
  • भारत विविधताओं से भरा देश है।
  • 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में निहित है।
  • संविधान में हम सभी को बांधने और बढ़ाने की ताकत है।
  • कोई चीज आखिरी नहीं, उसमें विकास होता रहता है।
  • 26 नवंबर के संविधान दिवस की व्‍यवस्‍था प्रतिवर्ष बढ़ाएं।
  • ये देश कईयों की तपस्‍या से आगे बढ़ा है। सब सरकारों के योगदान से आगे बढ़ा है।
  • लोकतंत्र में शिकायत का हक सबका होता है।
  • राजा-महाराजाओं ने देश नहीं बनाया, कोटि-कोटि जनों ने बनाया है।
  • संविधान के अंदर भी सबकी भूमिका रही है।
  • इतने उत्‍तम संविधान की जितनी सराहना करें, उतना कम है।
  • बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की भूमिका को हम कभी भी नकार नहीं सकते।
  • जन सामान्‍य की गरिमा और देश की एकता संविधान का मूल है।
  • बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की विशेषता रही है कि उनके विचार हर कालखंड, हर पीढ़ी, हर तबके के हैं।
  • अगर संविधान बनाने में बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर शामिल न होते, तो यह शायद सामाजिक दस्‍तावेज बनने से चूक जाता।
  • बचाव हो या प्रहार हो, बाबा साहब रास्‍ता दिखाते हैं।
  • बाबा साहब ने कितनी यातनाएं झेली, अपमानित हुए, उपेक्षित हुए, लेकिन उनके हाथ में जब देश के भविष्‍य का दस्‍तावेज बनाने का अवसर आया, तो संविधान में कहीं पर बदले का भाव नहीं दिखा।
  • डॉ. अंबेडकर ने सारा जहर पीया और हमारे लिए अमृत छोड़कर गए।
  • हमें अपने सामाजिक-आर्थिक लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए संवैधानिक तरीकों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए।
  • हम सब लोकतंत्र की परिपाटी में पले-बढ़े लोग हैं।
  • हमारे लिए आज संविधान और अधिक महत्‍वपूर्ण होता जा रहा है।
  • जब सारे प्रयास विफल हो जाएं तब आखिरी रास्‍ता अल्‍पमत और बहुमत का हो जाता है। सहमति का रास्‍ता होना चाहिए।
  • हर किसी का साथ और सहयोग होना चाहिए।
  • संविधान की पवित्रता हम सबका दायित्‍व है, हमारी जिम्‍मेदारी है।
  • बहुमत का मतलब ये नहीं होता कि आप अपनी बात थोप दें।
  • लोकतंत्र में सहमति के रास्‍ते से ज्‍यादा ताकत होती है।
  • हमारे पास संविधान का सहारा है, हम बहुत कुछ कर सकते हैं।
  • समाज राजनेताओं को कोसता रहता है, लेकिन इन्‍हीं राजनेताओं ने इसी सदन में बैठकर अपने पर बंधन लगाने का निर्णय भी दिया।
  • राजनीति में साख घटी है, ये स्थिति हमारे लिए चुनौती है।
  • लोहिया-नेहरू की बहस में संसद ने ऊंचाई दिखाई।
  • संसद की महान परंपराओं का आदर बनाए रखना होगा।
  • समय की मांग है कि हम अधिकारों पर जितना बल दें, उतना ही हम अपने कर्तव्‍यों पर भी बल दें।
  • 'मेरा क्‍या...' की स्थिति देश के लिए अच्‍छी नहीं। हमें कर्तव्‍य भाव जगाना होगा।
  • कभी कोई संविधान बदलने के बारे में सोच भी नहीं सकता है।
  • दलित को अवसर नहीं मिला, इसलिए उसकी दुर्दशा हुई। उसे अवसर देना जरूरी है।
  • राष्‍ट्र का सशक्तिकरण, समाज के सभी तबकों को सशक्त करने में है।
  • न्‍याय सबको मिले, सहज-सुलभ हो और त्‍वरित हो।
  • बाबा साहब अंबेडकर ने ताकत दिखाते हुए श्रमिकों के लिए आठ घंटे की समयसीमा निर्धारित की।
  • हमने मिनिमम पेंशन एक हजार रुपये कर दी और आधार कार्ड से डायरेक्‍ट बेनिफिट स्‍कीम से भी जोड़ दिया।
  • इस सदन में भी अहम बोनस एक्‍ट आना है।
  • सरकार का एक ही धर्म होता है, 'इंडिया फर्स्‍ट' और एक ही धर्मग्रंथ होता है 'भारत का संविधान'।
  • देश संविधान से ही चलेगा, संविधान से ही चल सकता है।
  • भारत का विचार यानि सत्‍यमेव जयते।
  • भारत का विचार अहिंसा परमो धर्म।

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