प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे की रूपरेखा के लिये कर्मचारियों के साथ करेंगे विचार-विमर्श

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे की रूपरेखा के लिये कर्मचारियों के साथ करेंगे विचार-विमर्श

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पीएम मोदी 25 से 27 नवंबर को होने वाले रेल विकास शिविर में शामिल होंगे
  • रेलवे ने तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रम के लिये आठ विचारों को छांटा है
  • रेलवे किराये के अलावा अन्य स्रोत से राजस्व जुटाने पर जोर दे रहा है
नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे की रूपरेखा के लिये करीब 400 रेल कर्मचारियों से व्यक्तिगत तौर पर और करीब 20,000 कर्मचारियों से वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये बातचीत करेंगे.

इसका मकसद तेजी से बदलते परिदृश्य में जरूरतों को पूरा करने के लिये रेलवे को तैयार करने के इरादे से नये विचारों के साथ खाका तैयार करना है. रेलवे में इस तरह के पहले कार्यक्रम में मोदी 25 से 27 नवंबर को होने वाले रेल विकास शिविर में शामिल होंगे और कर्मचारियों के साथ गहन विचार-विमर्श करेंगे.

विचार सृजन सम्मेलन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस बैठक का मकसद संगठन के भीतर से अनूठे और व्यवहारिक विचार सृजित करना है जो रेलवे को वाणिज्यिक एवं सामाजिक उद्देश्य पूरा करने में मदद करेगा और यह वैश्विक स्तर का संगठन बनेगा.’ उसने कहा कि ये विचार रेलवे के लिये रूपरेखा का आधार बनेंगे और प्रधानमंत्री स्वयं इसकी निगरानी करेंगे.

रेलवे ने तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रम के लिये आठ विचारों को छांटा है. इसमें यात्रियों के लिये प्रत्येक रेल यात्रा को सुखद अनुभव बनाना और रेलवे को तरजीही माल ढुलाई का जरिया सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं. चूंकि माल ढुलाई और यात्री सेवा से कमाई उत्साहजनक नहीं है, ऐसे में रेलवे बड़े पैमाने पर किराया के अलावा अन्य स्रोत से राजस्व जुटाने पर जोर दे रहा है.

अधिकारी ने कहा कि किराया के अलावा अन्य बातों पर भी सम्मेलन में गौर किया जाएगा. इसका मकसद विज्ञापन और रीयल एस्टेट विकास के जरिये किराया के अलावा अन्य स्रोतों से कमाई में उल्लेखनीय सुधार लाना है. इसके अलावा आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर दुर्घटनामुक्त तथा रेल ढांचागत सुविधा का आधुनिकीकरण भी सम्मेलन के विषय में शामिल होंगे.

रेलवे के सभी क्षेत्र एवं संभाग को प्रधानमंत्री के साथ तीन दिवसीय परिचर्चा के लिये तैयार रहने को कहा गया है. महाप्रबंधक की अगुवाई में प्रत्येक क्षेत्र (जोन) रेल विकास शिविर के लिये 10 से 15 नये अनूठे विचार तैयार करेंगे और उन्हें प्रस्तुत करेंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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