यह ख़बर 15 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

पीएम की अन्ना को अनशन न करने की नसीहत

खास बातें

  • पीएम ने अन्ना के अनशन पर कहा कि लोगों को अपनी ही बात मनवाने के लिए भूख हड़ताल व अनशन का सहारा नहीं लेना चाहिए।
New Delhi:

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक मजबूत लोकपाल का वायदा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि केंद्र और राज्य सरकारों के कुछ लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन्होंने मंगलवार से शुरू हो रहे अन्ना हजारे के अनशन का सीधा उल्लेख किए बिना कहा कि लोगों को अपनी ही बात मनवाने के लिए भूख हड़ताल और अनशन का सहारा नहीं लेना चाहिए। देश के 65वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लालकिला की प्राचीर से लगातार आठवें साल राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम चाहते हैं कि सभी राजनीति दल कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई में शामिल हों। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए हमने संसद में विधेयक पेश किया है, और कई अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल इन विधेयकों को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री ने हालांकि अन्ना हजारे के मंगलवार से शुरू हो रहे अनशन से सरकार की असहमति जताते हुए कहा, मैं जानता हूं कि विधेयक के कुछ पहलुओं पर मतभेद हैं, जो लोग विधेयक से सहमत नहीं हैं वे अपने विचार संसद, राजनीतिक दलों और मीडिया तक को दे सकते हैं । हालांकि मेरा विश्वास है कि उन्हें भूख हड़ताल और अनशन जैसे कदम नहीं उठाने चाहिए। मनमोहन ने कहा, भ्रष्टाचार पर मैं इतना अधिक इसलिए बोला क्योंकि मैं जानता हूं कि यह समस्या हम सबको गहराई तक परेशान कर रही है, हालांकि यह एक ऐसी परेशानी है जिसे दूर करने के लिए किसी सरकार के पास जादू की छड़ी नहीं है।


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