कहीं देवी-देवता के रूप में नेता तो कहीं पार्टी संभालने की गुहार, 'विवादों' के पोस्‍टर पर एक नजर..

कहीं देवी-देवता के रूप में नेता तो कहीं पार्टी संभालने की गुहार, 'विवादों' के पोस्‍टर पर एक नजर..

यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भगवान कृष्ण के रूप में दिखाता हुआ पोस्‍टर।

नई दिल्‍ली :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के दिग्गज नेता शरद यादव पर केंद्रित एक पोस्टर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होने वाले जेडीयू का राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए तैयार इस पोस्‍टर में  पार्टी कार्यकर्ताओं ने चाटुकारिता की तमाम हदें पार करते हुए नीतीश को महाभारत के केंद्रीय पात्र अर्जुन और शरद यादव को भगवान कृष्‍ण के रूप में पेश किया है।

देश की सियायत में ऐसे पोस्‍टर आना कोई नई बात नहीं है और तमाम पार्टियों से जुड़े 'अति उत्साही कार्यकर्ता' ऐसा करते रहे हैं। नेताओं को पोस्टरों में पौराणिक पात्रों और कभी-कभी भगवान या देवी के रूप में पेश करना मानो फैशन बनता जा रहा है। ऐसे पोस्‍टरों के अलावा भी कई बार ऐसे रोचक पोस्‍टर देखने में आते रहे हैं कि हंसी नहीं रुकती। आइए नजर डालते हैं, ऐसे कुछ रोचक और नेताओं को महिमा मंडित करते हुए पोस्‍टरों पर...

नए यूपी बीजेपी प्रमुख को दिखाया 'कृष्‍ण', विपक्षी नेताओं को 'कौरव'
वाराणसी में पिछले माह बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से लगाया गया एक पोस्टर काफी विवादित हुआ था। इसमें यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भगवान कृष्ण की तरह दिखाया गया था। यहीं नहीं, पोस्‍टर में उत्तरप्रदेश को द्रौपदी और विपक्ष नेताओं का इसका चीरहरण करते कौरव के तौर पर प्रदर्शित किया गया था। पोस्टर में जिन विपक्षी नेताओं को शामिल किया गया था उनमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, यूपी सरकार के मंत्री आज़म ख़ान, सीएम अखिलेश यादव और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख थे।

शिवसेना के पोस्‍टर में दिग्गज नेता थे बाला साहेब के आगे 'शरणागत'
 


अक्टूबर 2015 में शिवसेना के मुख्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर के कारण भी काफी विवाद हुआ था। इसमें देश के कई बड़े नेताओं को दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे के सामने लगभग नतमस्तक होते दिखाया गया था। पार्टी की दशहरा रैली से ठीक पहले लगाए गए इस पोस्‍टर में नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी को स्वर्गीय ठाकरे को झुककर प्रणाम करते दिखाया गया है जबकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बालासाहब ठाकरे के साथ बैठकर बात करते हुए तस्वीर भी इस पोस्टर में है। कांग्रेस नेता ने राधाकृष्ण विखे पाटिल ने इस पोस्टर पर सख्त ऐतराज जताते हुए इसे राष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान करार दिया था। हालांकि विवाद के बाद शिवसेना ने मामले से कन्नी काट ली थी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि पार्टी ने किसी को ऐसा पोस्टर लगाने को नहीं कहा था।

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पढ़ें, जेडीयू कार्यकर्ताओं ने पोस्टर में नीतीश कुमार को बनाया 'अर्जुन', शरद यादव बने 'कृष्ण'
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झांकी में बसपा सु्प्रीमो को 'मां काली' के रूप में किया गया पेश
 

ऐसे ही एक मामले में यूपी के हाथरस ज़िले में पिछले माह एक झांकी निकाली गई थी जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती को काली मां के रूप में दिखाया गया। इस झांकी में संघ प्रमुख मोहन भागवत को मायावती के पैरों पर लेटे हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके सामने हाथ जोड़े दिखाया गया। साथ ही पोस्टर पर लिखा गया है, 'बहिन जी हमें माफ करो, हम आरक्षण बन्द नहीं करेंगे।' यही नहीं, इस झांकी में मायावती को मानव संसाधन मंत्री  स्मृति ईरानी का कटा हुए सिर थामे दिखाया गया है।

'मां बीमार, मंत्रीगण लाचार, राहुल जी नेतृत्व करो स्वीकार'
 

रोचक अंदाज में राहुल गांधी से कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभालने की अपील करते हुए यह पोस्‍टर वर्ष 2011 में इलाहाबाद के फूलपुर में राहुल की रैली के पहले देखने में आए थे। इनमें राहुल गांधी का चेहरा गुस्से से भरा हुया दिखाया गया है। कार्यकर्ताओं की ओर से तैयार किए गए इस पोस्टर पर लिखा हुआ है 'मां बीमार, मंत्रीगण लाचार, राहुल जी नेतृत्व करो स्वीकार।' हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने इस पोस्टर से किनारा कर लिया था।

बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा को 'खामोश' करो
 

बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के पहले 'बागी' तेवर अपनाए नेता पार्टी ने नेता शत्रुघ्न सिन्हा की बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। वे बार-बार ऐसे बयान दे रहे थे जो कि जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन के खिलाफ कठिन लड़ाई में उलझी बीजेपी के खिलाफ जा रहे थे। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कुछ नेताओं का पटना में एक पोस्टर लगाकर सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। जो बैनर-पोस्टर लगाया गया था उसमें लिखा था कि हम कार्यकर्ताओं की यही मांग है कि शत्रुघ्न सिन्हा को भी "खामोश" किया जाए। और उसमें एक पंक्ति ये भी जोड़ी गई कि कीर्ति आज़ाद के बाद शत्रुघ्न सिन्हा की बारी है। शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ इसी तरह का एक और पोस्‍टर भी लगाया था था जिसमें  'बिहारी बाबू' के फोटो के साथ लिखा गया था  'लापता माननीय सांसद की खोज'।
 

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