कानपुर के हवालात में दलित युवक की मौत से पहले उसकी पिटाई हुई थी - पोस्टमार्टम रिपोर्ट

कानपुर के हवालात में दलित युवक की मौत से पहले उसकी पिटाई हुई थी - पोस्टमार्टम रिपोर्ट

कमल वाल्मीकी की मौत पुलिस थाने में हो गई थी

खास बातें

  • इस हफ्ते कानपुर के थाने में एक दलित युवक की मौत हुई
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक युवक की पिटाई की गई थी
  • इस मामले में थाने के 15 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है
कानपुर:

इसी हफ्ते कानपुर के पुलिस थाने में मृत पाए गए दलित युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत से पहले उसे बुरी तरह से पीटा गया था. रिपोर्ट के मुताबिक 25 साल के कमल वाल्मीकी की पीठ और सिर पर काफी चोटें आई थीं. बता दें कि वाल्मीकी को लूट के सिलसिले में मंगलवार रात पूछताछ के लिए थाने लाया गया था. बाद में युवक की लाश लॉक अप में लटकी हुई मिली. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उसे बुरी तरह पीटा और फिर उसे लटका दिया.

विशेषज्ञता प्राप्त डॉक्टरों की एक टीम ने यह पोस्टमार्टम किया था जिनके मुताबिक युवक की मौत दम घुटने से हुई है. इस मामले में चौकी के सभी 15 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है जिनमें से कुछ गायब भी हैं. साथ ही इनमें से एक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.

'फुटबॉल की तरह मारा गया'
कमल के भाई निर्मल वाल्मीकी को भी पुलिस अपने साथ लेकर गई थी और उसका आरोप है कि पुलिस ने उसे धमकी दी थी कि अगर वह जुर्म कबूल नहीं करेगा तो उसके भाई को मार दिया जाएगा. निर्मल को छोड़ दिया गया लेकिन उसका कहना है कि मंगलवार की रात घंटों तक उन दोनों को सरिये से पीटा गया और प्रताड़ित किया जाता रहा. निर्मल ने बताया 'हमें फुटबॉल की तरह मारा गया.'

वहीं उत्तरप्रदेश पुलिस के प्रमुख जावीद अहमद ने एनडीटीवी से कहा 'कस्टडी में मौत किसी भी तरह से स्वाकीर्य नहीं है.' इस मामले ने राजनीति महकमे में भी काफी हलचल मचा दी है और बसपा प्रमुख मायावती ने इस केस में कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा 'एक दलित की कस्टडी में मौत हो गई है. पुलिसवालों को सस्पेंड करने से बात नहीं बनेगी.' गौरतलब है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मायवती ने दलितों और उत्पीड़ित वर्ग के खिलाफ होने वाले अन्याय को ही मुद्दा बनाया है.


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