यह ख़बर 12 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मेरठ : बरामदे में पोस्टमार्टम किए जाने के मामले की होगी जांच

खास बातें

  • उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा इंजेक्शन और टांके लगाए जाने की घटनाओं के बाद मेरठ के मेडिकल अस्पताल परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बरामदा परिसर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने की घटना प्रकाश
मेरठ:

उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा इंजेक्शन और टांके लगाए जाने की घटनाओं के बाद मेरठ के मेडिकल अस्पताल परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बरामदा परिसर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने की घटना प्रकाश में आई है। सीएमओ ने घटना की जांच कराए जाने की बात कही है।

मेरठ मेडिकल अस्पताल परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस की घटना पर मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी सुबोध कुमार तिवारी ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला मीडिया के माध्यम से आया है कि फलावदा पुलिस द्वारा बरामद शव का पोस्टमार्टम कमरे से बाहर बरामदे में किया गया। उन्होंने कहा कि कभी-कभी इस तरह की स्थिति आ जाती है कि जब दिन की रोशनी में पोस्टमार्टम करना पड़ता है। ऐसा कई दिन पुराने सड़े हुए शव के मामले में होता है।

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मुख्य चिकित्साधिकारी के अनुसार, उनके संज्ञान के अनुसार पोस्टमार्टम के समय संबंधित चिकित्सक उपस्थित था... फिर भी मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए विभागीय जांच कराई जाएगी।