यह ख़बर 02 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

लोकसभा में रो पड़ीं गुजरात से कांग्रेसी सांसद प्रभा किशोर

खास बातें

  • एक महिला सांसद के साथ गुजरात पुलिस द्वारा की गई कथित ज्यादती को लेकर लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसे विशेषाधिकार हनन का गंभीर मामला बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को संसद में तलब किए जाने की पुरजोर मांग की।
नई दिल्ली:

एक महिला सांसद के साथ गुजरात पुलिस द्वारा की गई कथित ज्यादती को लेकर लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने भारी रोष व्यक्त किया और इसे विशेषाधिकार हनन का गंभीर मामला बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को संसद में तलब किए जाने की पुरजोर मांग की।

इस महिला सांसद की व्यथा सुनाए जाने पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है , इसलिए वह वहां के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की सारी जानकारी हासिल कर सदन को अवगत कराएंगी।

भाजपा इतर पार्टी के सदस्यों ने हालांकि सुषमा के इस बयान को कोई खास अहमियत नहीं देते हुए कहा कि यह संसद की गरिमा का सवाल है इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री को तुरंत तलब कर उन्हें संसद के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।

कांग्रेस सदस्य गिरिजा व्यास ने शून्यकाल में गुजरात के दाहोद से पार्टी सांसद डॉ. प्रभा किशोर से जुड़ा मामला उठाया और कहा कि साथी सांसद की हालत इतनी गंभीर है कि वह खुद अपनी बात रखने में सक्षम नहीं हैं। इस दौरान उनकी बगल में बैठी प्रभा किशोर लगातार सिसकती रहीं।

गिरिजा व्यास ने कहा कि प्रदेश में गुजरात दिवस के मौके पर दाहोद में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए घर से निकली प्रभा किशोर तथा उनके पार्टी विधायकों को पुलिस बलों ने घेर लिया।

उन्होंने कहा कि प्रभा किशोर ने पुलिसकर्मियों को अपना पहचान पत्र और समारोह में भाग लेने के लिए प्रदान किया गया सरकारी आमंत्रण पत्र भी दिखाया लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी और कथित रूप से उन्हें बालों से पकड़ कर घसीटते हुए ले गए।

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गिरिजा ने आगे बताया कि इसके बाद प्रभा किशोर तथा पार्टी विधायकों को वाहन में बिठाकर करीब दो सौ किलोमीटर दूर ले जाकर छोड़ दिया।