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खास बातें
- सरकारी अस्पतालों में असुविधा की बातें आम हैं, लेकिन मुंबई के करीब विरार के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ जो कुछ हुआ, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
मुंबई: सरकारी अस्पतालों में असुविधा की बातें आम हैं, लेकिन मुंबई के करीब विरार के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ जो कुछ हुआ, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
परिवार वालों के मुताबिक, 20-वर्षीय उन्नति को डिलीवरी के लिए 22 जून को विरार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और उस समय अस्पताल में लाइट नहीं थी, सो, डिलीवरी मोमबत्ती की रोशनी में शुरू हुई। परिवार का आरोप है कि डॉक्टर और नर्स गर्भ में जुड़वां बच्चे समझ रहे थे, और चूंकि वहां अंधेरा था, इसलिए उन्होंने थैली को बच्चा समझकर खींच लिया।
हालांकि घरवाले कहते रहे कि सोनोग्राफी में एक ही बच्चा दिखाया गया था, लेकिन डॉक्टर और नर्सों ने उनकी बात नहीं मानी। ऐसा करने से जब उन्नति की हालत बिगड़ गई तो उसे दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा गया। उधर, अस्पताल की डीन कहती हैं कि गर्भाशय को नहीं खींचा गया।
इस घटना के बाद अब विरार के सरकारी अस्पताल के और भी सच सामने आ रहे हैं। अस्पताल में जेनरेटर है, लेकिन तेल उस दिन कमर्चारी चुरा ले गए थे। इतना ही नहीं, जिस वक्त अंधेरे में यह सब चल रहा था, तब कोई भी गायनकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) अस्पताल में था ही नहीं।
अब इस मामले में डॉक्टर गायकवाड़ और नर्स शबनम आरोपों के घेरे में हैं। अस्पताल यह मान रहा है कि डॉक्टर इस काम के लिए अधिकृत ही नहीं था, और इन पर गैरकानूनी काम करने के और भी आरोप हैं। उन्नति की मौत के बाद से डॉक्टर गायकवाड़ फरार हैं और डीन कह रही हैं कि आगे की जांच चल रही है।