यह ख़बर 14 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ममता के ख़िलाफ कार्टून बनाने वाले प्रोफेसर को मिलेगा मुआवजा

खास बातें

  • ममता बनर्जी को किसी तरह की आलोचना बर्दाश्त नहीं है... यह बात तो आहिस्ता-आहिस्ता पक्की होती जा रही है।
कोलकाता:

ममता बनर्जी को किसी तरह की आलोचना बर्दाश्त नहीं है... यह बात तो आहिस्ता-आहिस्ता पक्की होती जा रही है।

इंटरनेट पर कुछ तस्वीरों का एक कार्टून... जिसमें दिनेश त्रिवेदी को रेल मंत्री के तौर पर हटाने के मामले पर ममता बनर्जी और मुकुल रॉय पर चुटकी ली गई थी… उसे जाधवपुर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर ने सोशल नेटवर्किग साइट पर अपने दोस्त को फ़ॉरवर्ड कर दिया। जब ममता के वफ़ादारों को पता चला तो पुलिस ने यह ढूंढ़ निकाला कि इस जुर्म के अपराधी प्रोफ़ेसर अंबिकेश महापात्र और उनके पड़ोसी सुब्रत सेनगुप्ता हैं। दोनों को 12 अप्रैल को गिरफ़्तार करके अगले दिन अदालत में पेश किया गया। जहां से वे ज़मानत पर रिहा हुए। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की मानवाधिकार आयोग की समिति बनी।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अब पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग की इसी समिति ने मामले की जांच करने के बाद इन दोनों को 50−50 हज़ार रुपये का मुआवज़ा देने के अलावा कसूरवार पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा है। लेकिन सिर्फ़ मुवाअज़ा देने और कार्रवाई करने से मसले का हल नहीं निकलेगा। इसके लिए ममता बनर्जी और उनकी सरकार को अपना रवैया बदलने की भी जरूरत है।