7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज 32 लाख सरकारी कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज 32 लाख सरकारी कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • इनमें रेलवे, पोस्ट और सेना की ऑर्डिनेंस फैक्टरी के कर्मचारी
  • 42 साल बाद रेलवे कर्मचारी करेंगे हड़ताल
  • ऐलान होते ही चेन्नई में कर्मचारी सड़कों पर उतरे
नई दिल्ली:

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज 32 लाख कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर हैं। सिफारिशों को बुधवार को ही सरकार ने मंज़ूरी ही है। वहीं सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सरकारी कर्मचारियों के महासंघ ने 11 जुलाई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

सरकारी कर्मचारियों के महासंघ ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इनमें रेलवे, पोस्ट और सेना की ऑर्डिनेंस फैक्टरी के कर्मचारी शामिल हैं। अगर रेलवे कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होते हैं तो ये 42 साल बाद पहला मौका होगा जब रेलवे कर्मचारी हड़ताल करेंगे। एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फ़ेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल शर्मा ने कहा कि यह अब तक की सबसे ख़राब वेतन बढ़ोतरी है।

चेन्नई में सरकारी कर्मचारी बुधवार को ही वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ सड़क पर उतर आए। यह शुरुआत भर है। 32 लाख सरकारी कर्मचारियों के महासंघ ने 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इनमें रेलवे, पोस्ट और सेना की ऑर्डिनेंस फैक्टरी के कर्मचारी शामिल हैं।

वेतन आयोग ने निचले स्तर पर मूल वेतन में 14.27 फीसदी बढ़ोतरी की सिफ़ारिश की है, जो सत्तर साल में सबसे कम बताई जा रही है। औसतन बढ़ोतरी 23.55 फ़ीसदी तक मानी जा रही है। कर्मचारी संघ 18,000 रुपये के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की मांग कर रहा है। उसे मौजूदा पेंशन व्यवस्था भी नामंजूर है। हालांकि वित्त मंत्री का दावा है कि अगर कोई विसंगति है तो दूर की जाएगी।

(7वें वेतन आयोग की सिफारिशें कैबिनेट ने मंजूर की, 23 प्रतिशत से अधिक होगी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि)


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