यह ख़बर 01 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पुणे में भूस्खलन : तीन महीने के बच्चे के रोने से बची चार लोगों की जान

पुणे:

भूस्खलन प्रभावित पुणे जिले के मालिन गांव में राहतकर्मियों ने मलबे से अब तक 41 शव निकाले, लेकिन खराब मौसम के कारण राहतकर्मियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और मलबे में दबे अन्य लोगों के जीवित होने की उम्मीदें अब कम हो गई हैं।

इसी बीच मालिन गांव में एक 3 महीने के बच्चे की वजह से चार लोगों के एक परिवार को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया है।

एनडीआरएफ की टीम के मुताबिक, उन्होंने मलबे के अंदर से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी और जब वहां से मिट्टी को हटाया गया तो चार लोगों को दबा हुआ पाया। ये चारों लोग गांव के लिंबे परिवार के सदस्य हैं। चारों सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

लिंबे परिवार तीन महीने के रूद्र नाम के इस बालक का शुक्रगुजार है, जिसके रोने की आवाज की वजह से वह आज जीवित हैं। पुणे के नजदीक हुए इस हादसे में मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है।

गौरतलब है कि सुबह भूस्खलन में एक गांव के 44 घर दब गए थे और इनमें 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है।

जिला नियंत्रण कक्ष ने कहा कि 16 महिलाओं और छह बच्चों सहित 41 लोग मारे गये।

गांव में शोकाकुल रिश्तेदारों ने आज कई पीड़ितों की सामूहिक अंत्येष्टि की।

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वहीं गुरुवार को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अंबेगांव तालुका के मालिन गांव के दुर्घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों में प्रत्येक के परिजनों को प्रधानमंत्री कोष से दो-दो लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।