मोगा केस : 30 लाख मुआवजे पर माना परिवार, किया शव का अंतिम संस्कार| विपक्ष का बंद

नई दिल्ली:

छेड़छाड़ के बाद बस से फेंकी गई लड़की की मौत के मामले में सियासत गर्मायी हुई है। विपक्ष ने राज्य सरकार की भूमिका के खिलाफ आज मोगा में बंद रखा। इस बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। उधर, आज पंजाब-हरियाणा की हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई थी, लेकिन इस मामले में एक जज ने अपना नाम हटा लिया इसलिए इस केस को दूसरी बेंच को ट्रांसफ़र कर दिया गया। अब इस केस की सुनवाई की तारीख तय नहीं है।

दरअसल, हादसे में 14 साल की लड़की की मौत हो गई थी। इस घटना के विरोध में पंजाब की विपक्षी पार्टियों ने आज मोगा बंद का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मिले थे परिवार से
कल सूबे के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पीड़ित परिवार से मिले थे। साथ ही उन्हें हर संभव मदद का वादा किया था। पीड़ित परिवार ने 30 लाख रुपये का मुआवज़ा मिलने के बाद लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने अपने परिवार की कंपनी ऑर्बिट की बसों पर फिलहाल रोक लगा दी है।

मृतक के पिता ने कहा, सरकार ने जो पेशकश की, वह स्वीकार
किशोरी के शव का रविवार रात करीब आठ बज कर 35 मिनट पर उसके गांव में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि उसके पिता ने दी, जिन्होंने कहा कि गतिरोध दूर करने के लिए राज्य सरकार से कोई समझौता नहीं हुआ।

उन्होंने कहा 'राज्य सरकार ने हमें जो पेशकश की है वह मुझे स्वीकार है। उन्होंने (राज्य सरकार ने) हमारी मांगें पूरी कीं और आश्वासन दिया कि मेरी बेटी के हत्यारों को सजा दी जाएगी।'

क्षतिपूर्ति के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें राशि के बारे में पता नहीं है। 'मैं नहीं कह सकता कि कितनी क्षतिपूर्ति है। जो भी मुझे दिया जा रहा है वह मेरे लिए पर्याप्त है।

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पीड़ित परिवार ने पहले ठुकरा दी थी सरकार की पेशकश
पूर्व में सरकार ने 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और घायल मां के लिए नौकरी, उसका मुफ्त इलाज किए जोन की पेशकश की थी और यह भी कहा था कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी, लेकिन पीड़ित के परिवार ने पेशकश ठुकरा दी थी।
(इनपुट्स भाषा से भी)