चीनी पर्यटकों को ई-वीजा देने के फैसले पर अभी से ही उठने लगे सवाल

चीनी पर्यटकों को ई-वीजा देने के फैसले पर अभी से ही उठने लगे सवाल

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी नागरिकों को ई-वीजा देने का ऐलान आखिरकार खुद ही किया। इस बात को लेकर पिछले कुछ हफ़्तों से चर्चा गरम थी कि प्रधानमंत्री खुद ही ये ऐलान करना चाहते हैं।

...तो आखिर क्या है ई-वीजा?
यह विदेशी नागरिकों को भारत के वीजा के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा देता है। इसके लिए, विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास जाने की जरूरत नहीं है। इसके जरिए, वीजा फीस ऑनलाइन भरने की सुविधा भी मिलती है। एक बार एप्लिकेशन अप्रूव होने के बाद अप्लाई करने वाले को ई-मेल के जरिए अथॉराइजेशन लेटर मिलता है।

इसके प्रिंट आउट के जरिए वे भारत में सफर कर सकते हैं। भारत पहुंचने पर विदेशी नागरिकों को इस अथॉराइजेशन लेटर का प्रिंट आउट इमिग्रेशन अधिकारी को दिखाना होता है। अधिकारी इस पर स्टैंप लगाकर देश में जाने की एंट्री दे देता है। इसे लेने के लिए चीनी नागरिकों को चार पन्ने का फॉर्म भरना होगा।

ई-वीजा सामान्यत: चार हफ्तों के लिए टूरिस्टों के लिए जारी किया जाता है। यह सुविधा उन देशों को नहीं दी जाती है जहां से घुसपैठ या दूसरे खतरे की आशंका होती है। आखिर इससे भारत को क्या फायदा होगा, इस सवाल का जवाब रायसीना हिल्स में बैठे सभी बाबू अलग-अलग देते हैं।

कुछ का कहना है कि अगर भारत को चीन का निवेश चाहिए तो उसे ई-वीजा की सुविधा देनी होगी, ताकि भारत में कारोबार बढ़े। रॉ के एक अधिकारी का कहना है कि भारत में पर्यटन बढ़ रहा है, लेकिन चीन से सिर्फ 2 फीसदी लोग भारत घूमने आते हैं और भारत सरकार चाहती है कि इनकी तादाद बढ़े। रॉ विदेश मंत्रालय के तहत आता है।

चीन को दोस्ताना संकेत देने में देरी नहीं की जानी चाहिए। विदेश मंत्रालय और खुद पीएम चीन को ई-वीजा जारी रखने का पुरजोर समर्थन कर रहे थे। जबकि रोड की दूसरी तरफ गृह मंत्रालय है, वहां बैठे अफसरों की और राय थी कि ई-वीजा को लेकर जल्दबाज़ी की गई है।

इंटेलिजेंस अधिकारियों ने पूर्व में चीन के नागरिकों द्वारा देश में जासूसी की घटनाओं में सम्मलित होने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की थीं।

सोशल मीडिया के एक धड़े ने पीएम के इस फैसले की निंदा की है। कुछ का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को नत्थी वीजा जारी करने वाले चीन को पीएम मोदी ने ई-वीजा की सुविधा देकर सही नहीं किया। कुछ ने मोदी पर कटाक्ष भी किया है।

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क्या है स्टप्लेड वीजा?
गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का कहना है चीन अब भी अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानता है और यहां के नागिरकों के भारत के पार्सपोर्ट पर वीजा के बजाय स्टेपल वीजा देता है। ये मुद्दा काफी सालों से लटका हुआ है और पीएम मोदी के दौरे के दौरान भी हल नहीं हुआ है।