यह ख़बर 17 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

तेरा क्या होगा गब्बर : शिखर धवन पर उठने लगे सवाल

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

गब्बर! टीम इंडिया में शिखर धवन को इसी नाम से बुलाया जाता है। शायद उनकी मूछों का असर है या फ़िर 'शोले' फ़िल्म के प्रति उनका प्यार। मगर, इतना तो तय है कि चयनकर्ता अब शिखर से सवाल पूछने लगे हैं कि ' तेरा क्या होगा गब्बर?'

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ वह तूफ़ानी पहली पारी के बल पर आखिर आप कब तक टीम में बने रहेंगे? पिछले एक साल में नौ टेस्ट मैच में शिखर के नाम 27 की औसत से रन हैं, जो टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाता है। लेकिन, उनकी किस्मत अच्छी है कि वनडे क्रिकेट में उनका बल्ला कुछ हद तक चलता रहा है। और कम ही लोग आजकल सफेद और रंगीन कपड़ों के क्रिकेट को अलग-अलग आंक कर देखते हैं।

ऐसा नहीं कि शिखर की तकनीक में अचानक कमी आ गई। वह वैसे ही खेल रहे हैं जैसा पहले खेलते थे। टी20 और वनडे का असर किसी की बल्लेबाज़ी पर क्या होता है, शिखर इसका बेहतरीन उदाहरण है।

वनडे में फील्डरों की जमावट और सपाट पिचों का फायदा उठाते हुए वह पारी की शुरुआत से ही आक्रमक बल्लेबाज़ी करते हैं। लेकिन, टेस्ट में जब किसी ओवर में लगातार उन पर दबाव बनाया जाता है, जब उनके रन बनना बंद हो जाते हैं तो वो एकाग्रता खो बठते हैं। अगर कोई मेडन ओवर खेलना पड़े तो उनके हावभाव में बेचैनी साफ दिख जाती है।

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टेस्ट खेलना अपने आप में एक अलग कला है, जहां तकनीक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी आप कसौटी पर होते हैं। शिखर के फॉर्म और प्रदर्शन को देखकर तो यही लगता है कि अगली पारी में अगर रन नहीं बने तो युवा राहुल लोकेश को अपने पैड तैयार रखने चाहिए। शोले फ़िल्म का डायलोग याद आता है, " गब्बर के ताप से एक ही आदमी बचा सकता है, खुद गब्बर।"