यह ख़बर 17 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भट्टा-पारसौल में हुई 74 किसानों की हत्या : राहुल

खास बातें

  • गौतम बुद्ध नगर के डीएम ने बताया कि राख की जांच आगरा की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में होगी। राहुल के आरोपों के बाद जांच का फैसला किया है।
ग्रेटर नोएडा:

ग्रेटर नोएडा में भट्टा-पारसौल गांवों की ज़मीन को लेकर यूपी की राजनीति गर्माई हुई है, और अब कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कुछ फोटो जारी कर आरोप लगाया है कि इन गांवों के 74 किसानों को राज्य की दमनकारी गतिविधियों के जरिये मौत के घाट उतार दिया गया। उनके मुताबिक यहां एक 70 फुट गहरे गड्ढे में लाशों की राख दबी पड़ी है। राहुल ने इसके लिए यूपी पुलिस और सरकार के रवैये को ज़िम्मेदार बताया है, जबकि माया सरकार ने इसका ज़ोरदार विरोध करते हुए इसे गलत बताया है।अब राख को जांच के लिए भेजा गया है। गौतम बुद्ध नगर के डीएम ने बताया कि राख की जांच आगरा की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में होगी। यूपी सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों के बाद राख की जांच का फैसला किया है। सोमवार को राहुल ने इस बाबत प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से मिलने के बाद सबूत के तौर पर मीडिया के सामने 11 तस्वीरें भी पेश कीं। उनके साथ इन प्रभावित गांवों के आठ किसान भी शामिल थे। कांग्रेस महासचिव ने भट्टा पारसौल गांवों की कई महिलाओं के साथ बलात्कार का भी आरोप लगाया। बसपा के विधायक सैयद काज़िम अली खान ने राहुल द्वारा पेश की गई फोटो के वास्तविक होने पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि पहले उनके वास्तविक होने की पुष्टि होनी चाहिए। इस बीच उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने राहुल के आरोपों पर जारी बयान में कहा है कि हमने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबसे अच्छा मुआवज़ा दिया है, हमारी भूमि अधिग्रहण नीति देश में सबसे अच्छी है, हरियाणा से भी बेहतर है। कुछ लोग इसे राजनीतिक हवा दे रहे हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री के साथ करीब आधे घंटे की बैठक के बाद राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के आठ-सदस्यीय दल की बातों को ध्यान से सुना। राहुल ने कहा, हमें विश्वास है कि संसद के अगले सत्र में भूमि अधिग्रहण विधेयक पास हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि गांवों में चारों ओर जलने के निशान मौजूद हैं, जहां किसान मायावती सरकार से अपनी जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं।


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