यह ख़बर 04 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

रेल घूसकांड : सीबीआई ने पूर्व रेलमंत्री बंसल को गवाह के तौर पर नामित किया

खास बातें

  • इस मामले में बंसल के भांजे विजय सिंगला और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है। एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में आरोप पत्र के साथ 90 गवाहों की एक सूची दायर की है और बंसल को उसमें 39 वां गवाह नामित किया गया है।
नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को 10 करोड़ रुपये के रेल घूसकांड मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह नामित किया गया है। इस मामले में बंसल के भांजे विजय सिंगला और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है।

एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में आरोप पत्र के साथ 90 गवाहों की एक सूची दायर की है और बंसल को उसमें 39 वां गवाह नामित किया गया है।

सिंगला के साथ रेलवे बोर्ड के निलंबित सदस्य (स्टाफ) महेश कुमार, बेंगलुरु स्थित जीजी ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नारायण राव मंजूनाथ, बिचौलिया अजय गर्ग और संदीप गोयल, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डागा, सीवी वेणुगोपाल और एमवी मुरली कृष्ण के खिलाफ एजेंसी ने मामले में आरोप पत्र दायर किया है।

मुरली और वेणुगोपाल को छोड़कर सीबीआई ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और सबके खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।

बंसल के अतिरिक्त एजेंसी ने रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विनय मित्तल को भी अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर नामित किया है। वह इस साल 1 जुलाई को पद से सेवानिवृत्त हो गए।

रेलवे बोर्ड के संयुक्त सचिव (गोपनीयता) पी राजशेखरन और संयुक्त सतर्कता निदेशक (खुफिया) आर विजयन नायर को भी सीबीआई ने गवाह के तौर पर नामित किया है।

उनके अतिरिक्त विभिन्न बैंकों के कई अधिकारी भी गवाहों के तौर पर नामित किए गए हैं।

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विशेष सीबीआई न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने गुरुवार को सीबीआई के आरोप पत्र का संज्ञान लिया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई निर्धारित कर दी। अदालत ने 11 जुलाई को मुरली और वेणुगोपाल को भी तलब किया है। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।