यह ख़बर 10 फ़रवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राजा की सीबीआई हिरासत अवधि और 4 दिन बढ़ी

खास बातें

  • पूर्व दूरसंचारमंत्री ए राजा को सीबीआई कोर्ट ने स्पेक्ट्रम घोटाले में उनकी भूमिका के सिलसिले में पूछताछ के लिए और 4 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
New Delhi:

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को विशेष सीबीआई अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवटंन घोटाले में उनकी भूमिका के सिलसिले में पूछताछ के लिए गुरुवार को और चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। साथ ही स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा को भी चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया है। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने दोनों को सीबीआई हिरासत में भेजते हुए कहा कि मामले के गंभीर स्वरूप एवं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जांच एजेंसी का दोनों आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध उचित प्रतीत होता है। जांच एजेंसी ने दोनों से कई अन्य दस्तावेजों की बरामदगी, आरोपियों से एक-दूसरे से सामने पूछताछ करने तथा दस्तावेजों का हवाला देकर उनसे पूछताछ करने के लिए उनकी पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए कहा था। न्यायाधीश ने कहा, प्रार्थना मंजूर की जाती है। दोनों आरोपियों को 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा जाता है। राजा को 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन उन्हें पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। 8 फरवरी को जांच एजेंसी ने राजा को और दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया, क्योंकि जांच एजेंसी ने अदालत से कहा था कि आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं दे रहा और जवाब में टालमटोल कर रहा है। सीबीआई ने राजा और बलवा से पूछताछ के लिए उन्हें चार दिन की हिरासत में भेजने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह आगे की जांच के लिए जरूरी है। उसने कहा कि बलवा की गिरफ्तारी जरूरी थी, क्योंकि वह एजेंसी से बच रहा था। एजेंसी के वकील अखिलेश ने कहा कि दोनों की हिरासत इसलिए जरूरी है, क्योंकि उनका एक-दूसरे से सामना करवाने की जरूरत है तथा सीबीआई द्वारा जांच के क्रम में बरामद किए गए विभिन्न दस्तावेजों के हवाले से उनसे पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा कि बलवा स्वान दूरसंचार में शेयर भागीदारी से संबंधित दस्तावेज नहीं दे रहा है तथा वह एजेंसी से तथ्य छिपा रहा है। सीबीआई वकील ने कहा, वह काफी प्रभावशाली व्यक्ति है। राजा और बलवा, दोनों के ही वकीलों ने सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया। बलवा के वकील विजय कुमार अग्रवाल ने दावा किया कि उनका मुवक्किल पूछताछ के लिए 27 बार सीबीआई के कार्यालय में पेश हुआ था। उन्होंने कहा कि यदि आरोपी जांच में सहयोग दे रहा है, तो उसकी गिरफ्तारी या हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है। बलवा के वकील ने यह भी दलील दी कि किसी भी व्यक्ति को तब तक हिरासत में नहीं लिया जा सकता, जब तक कि अपराध गंभीर प्रकृति का नहीं हो। अग्रवाल ने कहा कि उनका मुवक्किल जांच एजेंसी को सहयोग दे रहा है। उन्होंने कहा कि बलवा को सीबीआई कार्यालय में 6 और 7 फरवरी को बुलाया गया था, जबकि उस समय उनकी मां को हृदय रोग के कारण लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने इस तथ्य को छिपाते हुए बलवा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल कर लिया कि वह एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है।


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