सरकार को पसंद नहीं आए अमिताभ और रजनीकांत, चुने गए गजेंद्र चौहान

सरकार को पसंद नहीं आए अमिताभ और रजनीकांत, चुने गए गजेंद्र चौहान

नई दिल्ली:

पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के अध्यक्ष पद पर टीवी अभिनेता गजेंद्र चौहान की नियुक्ति से जुड़े विवाद के सिलसिले में NDTV को एक खास जानकारी मिली है, जिसके मुताबिक केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार ने इस पद पर चौहान को चुनने से पहले अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, श्याम बेनेगल जैसे छह धुरंधरों के नामों की सिफारिशों को नज़रअंदाज़ किया था।

पिछले वर्ष जून में बीजेपी सरकार के सत्तारूढ़ होने के कुछ ही हफ्ते बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एफटीआईआई के लिए जाने-माने फिल्मकारों अदूर गोपालकृष्णन, श्याम बेनेगल तथा अनुपम खेर के नामों की सिफारिश की थी। ये नाम सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौर की जानकारी में भी लाए गए थे।

दिसंबर में दूसरी सूची भेजे जाने तक पहली सूची पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया था और दूसरी सूची में 'सुपरस्टार ऑफ द मिलेनियम' कहा जाने वाले अमिताभ बच्चन, दक्षिण भारतीय फिल्मोद्योग में 'पूजे' जाने वाले सुपरस्टार रजनीकांत तथा फिल्म निर्माता प्रदीप सरकार के नाम थे। इस बार भी इनमें से किसी नाम पर कोई फैसला नहीं लिया गया।

दो महीने पहले, राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौर ने एक नई सूची अपने वरिष्ठ अरुण जेटली को भेजी, जिसमें गजेंद्र चौहान का नाम शामिल था। सूत्रों का कहना है कि यह सूची 'मंत्रालय के बाहर के लोगों' से सलाह-मशविरा कर तैयार की गई थी, जिनमें भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शामिल था।

अब गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में कुछ अन्य लोगों के साथ अरुण जेटली से पिछले सप्ताह मिलने गए ऑस्कर पुरस्कार विजेता रेसुल पुकुट्टी का कहना है कि 'अरुण जेटली इस चुनाव से नाखुश हैं...'

रेसुल पुकुट्टी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "अनुपम खेर ही नहीं, अरुण जेटली ने भी बैठक में हम लोगों से कहा कि हमने सही चुनाव नहीं किया, लेकिन एक सरकार के रूप में हम पीछे भी नहीं हट सकते..."

NDTV ने इस मसले पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्द्धन राठौर से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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टीवी पर सबसे लोकप्रिय धारावाहिकों में से एक 'महाभारत' में युधिष्ठिर की भूमिका निभाकर पहचान बनाने वाले गजेंद्र चौहान ने पिछले माह पुणे स्थित संस्थान की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन पद का कार्यभार संभाला था और इसके तुरंत बाद ही चौतरफा विरोध शुरू हो गया था। संस्थान के मौजूदा और पूर्व छात्रों का कहना है कि गजेंद्र का अनुभव इतना कम है कि वह इस पद पर बिठाए जाने योग्य नहीं हैं। इसे लेकर शुक्रवार को ही अभिनेताओं अनुपम खेर और ऋषि कपूर ने भी कहा है कि गजेंद्र को इस्तीफा दे देना चाहिए, जबकि गजेंद्र लगातार कहते आ रहे हैं कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। (इस पूरे प्रकरण पर आप अपनी राय @ndtvindia पर #FTIIRow के साथ भेज सकते हैं)